बुलडोजर बाबा के राज्य में चूहे के पूछ में पत्थर बांधकर नाली में डुबोकर हत्या मामले में कोर्ट ने लिया संज्ञान 30 पेज का चार्जशीट दाखिल

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Desk:-उत्तर प्रदेश राज्य का जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने हैं, तब से देश भर में उनके कठोर कार्रवाई को लेकर चर्चा होते रहती है. गौ हत्या का मामला हो या क्राइम पर कंट्रोल करना हो सभी में उनका बुलडोजर समान रूप से चलता है. लेकिन इस बार एक अजीबोगरीब मामला उत्तर प्रदेश से निकल कर सामने आया है. दरअसल यूपी राज्य के बदायूं में एक शख्स को क्रूरता पूर्वक एक चूहे की हत्या करना काफी महंगा पड़ा है.

आरोपी मनोज के खिलाफ स्थानीय पुलिस ने कोर्ट में मामले को लेकर 30 पेज का चार्जशीट दाखिल किया है.जिस पर कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है.माना जा रहा कि अगर मामला सत्य पाया जाता है तो मनोज को 5 साल तक की सजा हो सकती है. दरअसल मनोज नाम के इस शख्स ने 5 माह पूर्व एक चूहे को पत्थर से बांधकर नाले में फेंक दिया था. इस घटना में चूहे की मौत हो गई थी.



इस घटना में मामले को लेकर स्थानीय पुलिस ने केस दर्ज करते हुए 30 पेज का चार्ज सेठ कोर्ट में दाखिल किया है. मनोज के ऊपर आरोप लगाया गया है कि उसने 25 नवंबर 2022 को चूहे को पत्थर से बांधकर नाले में फेंक दिया था जिससे उसकी दर्दनाक मौत हुई थी. पुलिस के इस चार्जशीट को सोमवार को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया जिसके बाद मुकदमा शुरू हो गया है.

बदायूं के दरोगा राजेश यादव के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पशु क्रूरता सामने आई थी. इसलिए आरोपी मनोज के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.अदालत ने उसे स्वीकार कर लिया है. दरअसल जिस दिन घटना हुआ उस दिन एक पशु प्रेमी वीकेंद्र ने मनोज को ऐसा नहीं करने के लिए विरोध किया था. पशु प्रेमी के विरोध के बावजूद मनोज ने चूहे के क्रूरता पूर्ण तरीके से हत्या कर दी थी. पशु प्रेमी वीकेंद्र ने इस घटना का एक वीडियो बना लिया और मनोज के खिलाफ f.i.r. थाने में दर्ज करा दी थी.

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने चूहे का शव नाले से बरामद किया और उसका पोस्टमार्टम कराया था. डॉ अशोक कुमार और डॉ पवन कुमार द्वारा चूहे का पोस्टमार्टम किया गया था जिसमें मौत की वजह दम घुटना बताया गया था. मामले में पुलिस ने मनोज को हिरासत में भी लिया था लेकिन फिलहाल वह जमानत पर बाहर है. इस घटना का देश भर में चर्चा हो रहा है. लोग कह रहे हैं कि इस तरह की घटना पर संज्ञान योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री के राज्य में ही लिया जा सकता है.

 

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