(शेखपुरा से धर्मेंद्र की रिपोर्ट) हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक करना है, ताकि आप इस महादान के तमाम फायदों को समझ सकें और दूसरों के जीवन को बचाने में अपनी भूमिका निभा सकें.रक्तदान के बारे में बातचीत करते हुए शेखपुरा के सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने कहा कि रक्तदान सिर्फ दूसरों को नया जीवन नहीं देता बल्कि रक्तदाता के शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद होता. रक्तदान को महादान भी कहा जाता है क्योंकि ये दूसरों को नया जीवन प्रदान कर सकता है.
बुधवार को विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में आयोजित रक्तदान शिविर में जिले भर से लोग रक्तदान करने के लिए पहुंचे.सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस लाइन से जवान भी रक्तदान करने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. शाम तक 25 यूनिट रक्त प्राप्त होने की संभावना है. स्वास्थ्य विभाग को काफी खुशी है कि लोग अब जागरूक हकर रक्तदान करने के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं.
वहीं डॉक्टर प्रियरंजन ने बताया कि आमतौर पर लोग रक्तदान करने से हिचकिचाते हैं. रक्तदाता ऐसा लगता है कि रक्तदान करने से हीमोग्लोबिन कम होगा और शरीर में कमजोरी आएगी.लेकिन आपको बता दें कि रक्तदान सिर्फ किसी व्यक्ति की जान नहीं बचाता, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है.रक्तदान से आपका शरीर कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है.साथ ही दिमाग को भी सकारात्मकता ऊर्जा मिलती है.हर साल रक्तदान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है.
रक्तदान करने से लोगों को दिल की बीमारियों और कैंसर की होने वाली संभावनाओं से निजात मिलता है.अगर आपके शरीर में आयरन की अधिकता हो जाए तो दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. रक्तदान करने से आपके शरीर में आयरन संतुलित रहता है.ऐसे में दिल तमाम बीमारियों के जोखिम से बचा रहता है.साथ ही कैंसर की आशंका भी कम होती है.कहा जाता है कि मोटापा तमाम बीमारियों की जड़ होता है. लेकिन अगर आप समय समय पर ब्लड डोनेट करते रहते हैं, साथ ही एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट लेते हैं तो इससे आपकी कैलोरीज तेजी से बर्न होती हैं और वजन नियंत्रित रहता है.
रक्तदान करने के तुरंत बाद शरीर खून की कमी को पूरा करने में जुट जाता है.इससे लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर अगले कुछ महीने में बराबर हो जाता है. रक्तदान से पहले आपके शरीर की जरूरी जांचें की जाती हैं.इससे आपके शरीर की वास्तविक स्थिति का पता चल जाता है.आपकी रिपोर्ट्स जब ठीक होती है, तो ही आपको ब्लड डोनेशन के लायक समझा जाता है.