दूसरे जिले के लिए भी भरोसे का प्रतीक बना बरबीघा रेफरल अस्पताल..प्रत्येक दिन तीन सौ से अधिक मरीजों को हो रहा इलाइज..24 घंटे इमरजेंसी में तैनात रहते हैं डॉक्टर

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Barbigha:-अपनी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जिला ही नहीं बल्कि पड़ोसी जिला में भी मशहूर हो चुका रेफरल अस्पताल बरबीघा मरीजों के लिए भरोसे का प्रतीक बन चुका है.बरबीघा और शेखपुरा के साथ-साथ नालंदा जिला के सरमेरा अस्थवां और बिंद जैसे जगहों से सैकड़ों मरीज प्रत्येक दिन इलाइज के लिए यहां पहुंच रहे हैं.अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ साफ सफाई की सुविधा बहाल रखने में प्रभारी डॉ फैसल अरशद पिछले कई वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

अस्पताल को लेकर डॉक्टर फैसल अरशद ने बताया कि यहां प्रत्येक दिन ओपीडी में 300 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा रहा है.यही नहीं प्रत्येक महीने ढाई सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं का सफल डिलीवरी भी करवाया जा रहा है.अस्पताल में 18 प्रकार की जांच की सुविधा के साथ-साथ 122 प्रकार की दवा 12 प्रकार का इंजेक्शन और डिजिटल एक्स-रे की की सुविधा हमेशा उपलब्ध रहती है.इसके अलावा अन्य प्रकार के दवाओं के लिए अस्पताल कैंपस में ही जन औषधि केंद्र भी स्थित है.



अस्पताल में स्वच्छता का पूरी तरीके से ख्याल रखा जाता है.दिन भर में तीन बार अस्पताल में साफ-सफाई करवाई जाती है.कैंपस से लेकर अस्पताल का टॉयलेट भी प्राइवेट अस्पताल की तरह एकदम चकाचक रहता है. अस्पताल को कायाकल्प योजना में भी अवार्ड मिल चुका है.इसके अलावा प्रभारी डॉ फैसल अरशद को बेहतर प्रशासनिक और स्वास्थ्य सुविधा बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने अब तक कई बार सम्मानित किया है.

24 घंटे इमरजेंसी में तैनात रहते हैं डॉक्टर

अस्पताल में दिन में ही नही बल्कि रात में इमरजेंसी में भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलती है.एमबीबीएस डॉक्टर हमेशा रात में भी अस्पताल में मौजूद रहते हैं.इसके अलावा अन्य किसी भी परिस्थिति में डॉ आनंद कुमार ऑफ ड्यूटी होने के बावजूद भी हमेशा मरीजों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं. इमरजेंसी में ऑक्सीजन की सुविधा भी अस्पताल में उपलब्ध है.विपरीत परिस्थितियों में मरीजों को हायर सेंटर भेजने के लिए अस्पताल में हमेशा तीन एंबुलेंस मौजूद रहते हैं.

अस्पताल में सर्जन और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था की कमी

डॉक्टर फैसल अरशद ने बताया कि तमाम कमियों से जूझते हुए बरबीघा रेफरल अस्पताल मरीजों के लिए विश्वास का पात्र बना हुआ.उन्होंने बताया कि जनवरी महीने तक अस्पताल में सर्जन चिकित्सक के द्वारा सिजेरियन ऑपरेशन के साथ-साथ हर्निया, सरकमसीजन(खतना) ब्रैस्ट अवसेस और हाइड्रोसील आदि का ऑपरेशन भी किया जाता था. लेकिन उनका तबादला होने के बाद ऑपरेशन का कार्य शिथिल पड़ गया है.

इमरजेंसी में मरीज को देखते डॉक्टर आनंद कुमार

 

इसके अलावा अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था का भी अभाव है.उन्होंने बताया की अगर विभाग द्वारा अस्पताल को सर्जन चिकित्सक के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था और एक बच्चे का डॉक्टर मुहैया करा दिया जाए तो यह अस्पताल किसी प्राइवेट अस्पताल से कम नहीं होगा. फिलहाल अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के लिए दो चिकित्सक डॉ प्रभात कुमार और डॉ सरफराज को निजी फंड से हायर किया गया है. यह दोनों चिकित्सक जरूरत पड़ने पर मुर्छक चिकित्सक के साथ अस्पताल पहुंचकर ऑपरेशन को अंजाम देते हैं.अस्पताल में मौजूद जीएनएम एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मी अपने कार्य के प्रति हमेशा जिंदा रहते हैं.

डॉक्टर के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों की बदौलत यह अस्पताल आसपास के कई जिलों के लिए मॉडल अस्पताल बन चुका है.अस्पताल में वर्तमान में पांच एमबीबीएस डॉक्टर और एक दंत चिकित्सक मौजूद है. इसके अलावा कुछ और डॉक्टरों की जरूरत है जिसके लिए विभाग को प्रभारी सुरक्षित पत्र लिखा गया.

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