Barbigha:-एक तरफ शिक्षा विभाग के अवर सचिव केके पाठक बिहार में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं.वही दूसरी तरफ कुछ विद्यालय के शिक्षक ऐसी घिनौनी हरकत कर देते हैं कि शिक्षा जगत शर्मसार हो उठता है. शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाला एक ऐसा ही मामला बरबीघा प्रखंड के मध्य विद्यालय तोयगढ़ से सामने आया है.
जहां छोटे-छोटे बच्चों से विद्यालय का शौचालय साफ करवाने को लेकर अभिभावकों द्वारा शुक्रवार को विद्यालय में जमकर हंगामा किया गया.मामले का खुलासा तब हुआ जब विद्यालय के प्राचार्य रामोतार प्रसाद ने शौचालय साफ नहीं करने पर दो बच्चों को विद्यालय से भगा दिया था.घर पहुंच कर बच्चों ने अपने माता-पिता से इस संबंध में सारी बात बताई.इसके बाद यह खबर गांव में आग की तरह फैल गई.देखते ही देखते लगभग दो दर्जन से अधिक बच्चों के माता-पिता विद्यालय पहुंच कर हंगामा करने लगे.इस संबंध में विद्यालय के पढ़ने वाले छात्र कन्हैया कुमार,छोटू कुमार,अभिषेक कुमार,किट्टू कुमार, सत्यम कुमार, अंकुश कुमार,कल्लू कुमार इत्यादि ने बताया कि विद्यालय के प्राचार्य रामोतार प्रसाद विद्यालय के शौचालय प्रतिदिन किसी न किसी बच्चे को साफ करवाते हैं.
शौचालय नहीं साफ करने पर बच्चों की पिटाई भी की जाती है. यही नहीं कुछ बच्चों को विद्यालय से भगा भी दिया जाता है.बच्चों ने आगे बताया कि मध्यान भोजन बनवाने के लिए बच्चों को बाहर से लकड़ी का जलावन लाने के लिए भी प्राचार्य द्वारा दबाव बनाया जाता है. यही नहीं बच्चों को हाथ साफ करने के लिए घर से साबुन भी खुद लाने के लिए कहा जाता है. बच्चों को राजगीर परिभ्रमण के लिए जो पैसा आया था वह भी प्राचार्य खा गए हैं.वही मामले को लेकर बच्चों के माता-पिता ने बताया कि इस संबंध में कई बार प्राचार्य से शिकायत की गई.
लेकिन अपनी गलतियों को रोकने की बजाय प्राचार्य हर बार बच्चों के माता-पिता से ही उलझ पड़ते हैं.हंगामे की बात सुनकर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की जिला इकाई की टीम भी विद्यालय पहुंची.मामले को गंभीरता से लेते हुए फाउंडेशन के डायरेक्टर ने बताया कि विद्यालय में बच्चों से शौचालय साफ करवाना काफी घृणित मामला है.इस मामले को लेकर हमारी संस्था भी जिलाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी और श्रम पदाधिकारी से पत्राचार कर उचित कार्यवाई की मांग करेगी.उधर ग्रामीणों ने बताया कि मामले को लेकर शनिवार को बच्चों के साथ जिलाधिकारी से भी मिला जाएगा.
वहीं पूरे मामले पर प्राचार्य रामोतार प्रसाद ने बताया कि उनके ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.बच्चों को शौचालय जाने के बाद सिर्फ शौचालय में पानी देने के लिए कहा जाता है. हालांकि बच्चों से जलावन मंगवाने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल में स्थित दाई के द्वारा यह कार्य किया जाता है. वहीं उन्होंने बताया कि बच्चों को राजगीर परिभ्रमण के लिए जो पैसा आया था वह भी भी रखा हुआ है. व्यस्तता के कारण बच्चों को परिभ्रमण नहीं कराया गया है