Barbigha:-उचित मुआवजे की मांग को लेकर शेखपुरा जिले के बरबीघा में चल रहा किसानों का अनिश्चित कालीन हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा.हालांकि जिला प्रशासन पर अब तक किसानों के आंदोलन का कोई खास असर देखने को नहीं मिला है. रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि पर मिट्टी भरने का कार्य लगातार जारी है. वही तीसरे दिन किसानों का अनिश्चित कालीन हड़ताल का समर्थन करते हुए बरबीघा प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष तथा केवटी पंचायत के मुखिया डॉ दीपक कुमार के अलावा प्रदेश किसान नेता चंद्रशेखर प्रसाद का भी समर्थन मिला.
दोनों सोमवार को कई घंटे तक धरना में किसानों के साथ जिला प्रशासन और सरकार के विरुद्ध बैठे रहे. धरना में शामिल मुखिया डॉ दीपक कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार के द्वारा किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है.किसानों के हक में हाईकोर्ट का फैसला होने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा जमीन का उचित मुआवजा का निर्धारण नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण जमीन अधिग्रहण संबंधित मुआवजे को लेकर बनाए गए विशेष कोर्ट लारा कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद जोर जबरदस्ती काम करना अफसर शाही राज और लोकतंत्र की हत्या दर्शाता है. किसानों का मांग बिल्कुल जायज है. मैं इसका पूरी तरह से समर्थन करता हूं.
उन्होंने कहा की जरूरत पड़ी तो किसानों के साथ आंदोलन में 24 घंटे भी धरना में बैठने के लिए तैयार है.वही प्रदेश किसान नेता तथा नालंदा के सरमेरा निवासी चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि किसाने की इस दुर्दशा के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार और केंद्र सरकार पूरी तरह से दोषी है.उन्होंने कहा जब से सरकार ने औद्योगीकरण की नीति अपनाई तब से किसानों का देश की आर्थिक प्रगति में हिस्सा 67% से घटकर मात्र 15% रह गया है. होने पौने दाम में जोर जबरदस्ती कर किसानों का जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. सरकार के रवैया से ऐसा प्रतीत हो रहा मानव देश में लोकतंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र हावी हो गया है.
उन्होंने कहा कि बरबीघा में किसानों के ऊपर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आंदोलन तेज किया जाएगा. जरूरत पड़े तो प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता इस आंदोलन में हिस्सा लेंगे. उन्होंने सरकार से तानाशाहिर भैया छोड़कर किसानों के हित में लचीलापन व्यवहार लाने का आग्रह किया. वह किसान विष्णु देव प्रसाद आर्य, रंजीत कुमार भोला प्रसाद सहित दर्जनों महिला एवं पुरुष किसानों ने चेतावनी दिया कि अगर जल्द ही किसानों के हक में फैसला नहीं लिया गया तो वे लोग सड़क पर उतरकर पुतला दहन करेंगे.किसानों ने कहा कि अगर इससे भी बात नहीं बनी तो वे डीएम के सामने आत्मदाह कर लेंगे.
बताते चले की रात्रि में अनिश्चितकालीन धरना में शामिल होने वाले कुछ बुजुर्गों की रविवार की रात्रि अचानक ज्यादा तबीयत खराब हो गई थी.देर रात उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा था. गौरतलब हो कि शेखपुरा से बरबीघा, बिहार शरीफ पटना के नेउरा तक बनने वाले रेल लाइन हेतु बरबीघा के नारायणपुर मौजा में अधिग्रहित भूमि का एक जनवरी 2014 के अधिसूचना के अनुसार मुआवजा देने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं.