Barbigha:-शेखपुरा से बरबीघा बिहारशरीफ होते हुए दनियावां पटना के नेउरा तक जाने वाले निर्माणधिन रेलखंड के तहत बरबीघा के नारायणपुर मौजा में अधिगृहीत जमीन के उचित मुआवजे को लेकर चल रही लारा कोर्ट में सुनवाई गुरुवार को भी बेनतीजा रहा. मामले को लेकर किसान रंजीत कुमार ने बताया कि कोर्ट द्वारा बीते 12 दिसंबर को ही जिला प्रशासन से जमीन संबंधी बाजार मूल्य का कागजात मांगा गया था. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अब तक कागजात नहीं उपलब्ध कराये जाने के कारण फिर जमीन मुआवजे को लेकर चल रही सुनवाई का कोई निर्णय नहीं निकल सका.
मायूस किसानों ने लारा कोर्ट के जज से तत्काल मिट्टी भराई के कार्य पर रोक लगाने का भी का आग्रह भी किया.लेकिन कोर्ट ने रोक लगाने संबंधी मांगों को यह कर खारिज कर दिया कि वह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का चीज है. किसानों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन नहीं चाहती कि यह मामला सुलझे और जल्द से जल्द रेल लाइन का निर्माण हो सके. मायूस किसानों ने कहा कि शुक्रवार को किसानों को मदद का आश्वासन देने वाले जिले के पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा से भी मिला जाएगा.
उचित सहयोग नहीं मिलने की दशा में किसान उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे.बताते चले कि नारायणपुर मौजा में रेलवे द्वारा 288 किसानों का कुल 44 एकड़ जमीन अधिग्रहित किया गया है. जिसके उचित मुआवजे को लेकर किसान पिछले दो दशक से लड़ाई लड़ रहे हैं. इधर एक सप्ताह से जिला प्रशासन द्वारा भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर मिट्टी भराई का कार्य किया जा रहा है. इसके विरोध में किसान महिला एवं बच्चों समेत रात दिन धरना दे रहे हैं. किसानों ने कहा कि यह अनिश्चित कालीन धरना अब लगातार जारी रहेगा.
धीरे-धीरे यह उग्र प्रदर्शन के रूप में परिणत हो जाएगा. किसान अब जान देने के लिए भी तैयार हैं. किसानों ने कहा कि जिला प्रशासन ने किसानों को ठगने का ही काम किया है. कोर्ट में भी समय पर कागजात की सही पेशी नहीं होने की वजह से फैसले में काफी देरी हो रही है.इधर जबरन मिट्टी भराई का कार्य जिला प्रशासन के तानाशाही रवैये को दर्शाता है.
जदयू नेता व समाजसेवी भी धरना स्थल पर पहुंचे
किसानों को मोरल सपोर्ट देने के लिए गुरुवार की रात्रि करीब 4 घंटे तक जदयू के नेता तथा समाजसेवी संतोष कुमार शंकु भी धरना स्थल पर बैठे रहे पत्रकारों से उन्होंने कहा कि किसानों की मांग बिल्कुल जायज है.बेहद हर कदम पर किसानों क के साथ है. अगर किसानों के मांग के दौरान अगर पुलिस की लाठी भी खानी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि जल्दी विधायक जी को भी मामले से अवगत कराकर इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की जाएगी.