किसानों ने काला बिल्ला लगा थाली बजाकर किया प्रदर्शन..किसानों के हक में फैसला नहीं आने पर 7 जनवरी से करेंगे आमरण अनशन

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Barbigha:-जिले के बरबीघा नगर क्षेत्र अंतर्गत नारायणपुर मौजा में रेलवे द्वारा अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे को लेकर चल रहा किसानों का प्रदर्शन धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है. धरना के 13वें दिन गुरुवार को किसान नेता रंजीत कुमार की अगुवाई में धरना स्थल से लेकर श्री बाबू चौक तक काला बिल्ला लगाकर थाली बजाते हुए विरोध यात्रा निकाली गई.इस विरोध यात्रा में काफी संख्या में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी हिस्सा लिया.

विरोध यात्रा के दौरान किसानों ने जिला प्रशासन, बिहार सरकार के साथ-साथ विधायक और सांसद के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इस यात्रा में समाजसेवी संतोष कुमार शंकु के अलावा न्यायिक जन संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया कुमार बादल, चंद्रभूषण कुशवाहा, ए. के. मधुकर, आप पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मउदय कुमार, पूर्व नगर अध्यक्ष प्रत्याशी सुबोध कुमार विष्णुदेव प्रसाद आर्य सहित कई लोगों ने भी हिस्सा लिया.



सभा को संबोधित करते हुए चंद्र भूषण कुशवाहा ने कहा कि किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है.वही संतोष कुमार शंकु ने कहा कि जिला प्रशासन के तानाशाही रवैये के खिलाफ पूरा किसान एकजुट है. 6 जनवरी को पुंसः लारा कोर्ट में सुनवाई होनी है. अगर इस दिन जिला प्रशासन की नाकामी की वजह से किसानों के हक में फैसला नहीं आया तो 7 जनवरी से किसान आमरण अनशन करेंगे. किसान अपनी मांगों को लेकर लाठी और गोली खाने के लिए भी तैयार हैं.

वही कन्हैया कुमार बादल ने कहा कि किसान अब तक गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.लेकिन जरूरत पड़ने पर किसान किसी भी तरह के आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे.जिला प्रशासन द्वारा पुलिस बल रखकर बिना उचित मुआवजे के भुगतान के अधिग्रहित जमीन पर कार्य करवाना लोकतंत्र की हत्या को दर्शाता है. इसके विरोध में किस जल्द ही कार्य रोको आंदोलन शुरू करेंगे.गौरतलब हो कि शेखपुरा से बरबीघा होते हुए बिहारशरीफ, दनियावां के रास्ते पटना के नेउरा तक बनने वाली रेल लाइन निर्माण हेतु नारायणपुर मौजा में 288 किसानों का 44 एकड़ जमीन अधिग्रहित किया गया है.

उचित मुआवजे की मांग को लेकर पिछले एक दशक से अधिक समय से किसान, रेलवे और जिला प्रशासन से लड़ाई लड़ रहे हैं.वर्तमान में मामला मुंगेर के लारा कोर्ट में लंबित है. इधर सुनवाई पूरी होने से पहले ही बीते 23 दिसंबर से ही जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल की तैनाती कर मिट्टी भराई का कार्य शुरू कर दिया है. इसके विरोध में किसान रात दिन महिलाओं के साथ मिलकर धरना दे रहे हैं.इस धरना को विभिन्न समाजसेवियों के साथ-साथ कई किसान नेता और राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन देना शुरू कर दिया है.

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