Barbigha:-देसी शराब के कारोबार पर लगाम लगाने और शराबियों को पकड़ने के उद्देश्य से छापेमारी करने पहुंची उत्पाद विभाग की टीम पर शराब कारोबारी द्वारा हमला कर दिया गया. शुक्रवार की संध्या यह घटना बरबीघा नगर क्षेत्र के रामपुर सिंडाय में घटित हुई है. इस घटना में उत्पाद विभाग की टीम पर पथराव करने के साथ-साथ एक वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. इस घटना में उत्पाद विभाग के कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है.
वही पत्थर बाजी की घटना के बाद जिला मुख्यालय से और पुलिस बल को बुलाकर गांव में छापेमारी करते हुए चार लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. दरअसल शराब कारोबारी को पकड़ने के लिए पुलिस टीम गांव पहुंची थी. छापेमारी के दौरान बाधार से तीन शराब कारोबारी को हिरासत में लिया गया था. शराब कारोबारी को पकड़ने के बाद ग्रामीण उग्र हो गए और 50-60 की संख्या में पुलिस टीम पर हमला कर दिया. उसे समय किसी तरह उत्पाद विभाग के पुलिस टीम इधर-उधर भाग कर अपनी जान बचाई. इसके बाद जिला से अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाकर एक महिला सहित चार लोगों को पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है.
हालांकि बरबीघा और मिशन ओपी थाना की पुलिस ने इस तरह के किसी भी घटना को उनके थाना क्षेत्र में होने से इनकार किया है.वही घटना को लेकर कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला उत्पाद विभाग की टीम रामपुर सिंडाय गांव के बगल में स्थित नालंदा जिला में पड़ने वाले नौरोजपुर गांव में शराब पी रहे शराबियों को पकड़ने के लिए पहुंच गई थी.उधर से पुलिस ने शराबियों को खदेड़ा तो वह रामपुर सिंडाय गांव की तरफ भागे. जहां उत्पाद विभाग की पुलिस और शराबियों के बीच कहा सुनी हो गई.इस दौरान कुछ आसामाजिक तत्वों ने उनके ऊपर पथराब कर दिया.
घटना के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाकर उत्पाद विभाग की टीम ने कुछ निर्दोष लोगों को हिरासत में ले लिया है. वह पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कार्रवाई के दौरान बरबीघा और मिशन ओपी थाना में से किसी की मदद भी नहीं ली गई थी.मिशन ओपी थाना प्रभारी निक्की रानी ने साफ तौर पर कहा कि उनके थाना क्षेत्र में इस तरह की कोई घटना घटित ही नहीं हुई है.
बरबीघा थाना अध्यक्ष सुनील दत्त ने भी बताया कि घटना को लेकर स्थानीय थाना को किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है.वही घटना को लेकर उत्पाद विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे जिले में जाकर छापेमारी करने की बात शराब ग्रामीणों द्वारा लगाया गया बेबुनियाद आरोप है. पत्थरबाजी के दौरान पुलिस टीम बचने के लिए बगल के गांव में घुस गए होंगे.सारी घटना रामपुर सिंडाय में ही घटित हुई है. घटना के समय स्थानीय थाना को भी सूचित किया गया लेकिन किसी प्रकार का कोई रिस्पांस नहीं दिया गया.