Navada:-लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 19 अप्रैल को नवादा लोकसभा में मतदान होना है. प्रत्याशियों के पास एक महीने से भी कम का समय बचा है. लेकिन अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर लोजपा और भाजपा के बीच खींचतान जबरदस्त तरीके से चल रही है. इस बीच नवादा से ऐसी खबर आ रही है कि जिसे सुनकर और जानकर भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के भी होश उड़ जाएंगे.
दरअसल अभी-अभी थोड़ी देर पहले नवादा लोकसभा के अंतर्गत आने वाले सभी छः विधानसभा के बड़े-बड़े भाजपा नेताओं ने गुपचुप तरीके से बैठक करके पार्टी को सबक सिखाने का निर्णय ले लिया है. सूत्रों की माने तो इस बैठक में वारसलीगंज की विधायक अरुणा देवी उनके पति अखिलेश सरदार, हिसुआ के पूर्व विधायक अनिल सिंह, मुखिया संघ के अध्यक्ष गौतम सिंह सहित कई बड़े नेता इस बैठक में शामिल हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि इस बार किसी भी बाहरी आदमी को टिकट लेकर आने पर बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा.एक भाजपा नेता ने बताया कि अमित शाह ने नवादा में रैली के दौरान वादा किया था कि नवादा से इस बार भाजपा खुद चुनाव लड़ेगी. लेकिन कयास लगाये जा रहे हैं की इस बार भी यहाँ से एनडीए की तरफ से बाहरी उम्मीदवार दिया जायेगा. जबकि स्थानीय लोगों ने अभी से इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.नवादा में लोग स्थानीय उम्मीदवार को चाहते हैं चाहे वह किसी भी दल से आए। लेकिन इस बार बाहरी को भगाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के खिलाफ भी लोगों में काफी जो गुस्सा है। स्थानीय विधायक वारसलीगंज के अरुणा देवी मंत्री की रेस में थी।डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अरुणा देवी को फोन करके पटना बुलाया था। लेकिन अचानक विधायक का नाम चर्चा से हटा दिया गया है। इसके बाद समर्थकों में काफी गुस्सा है। कार्यकर्ताओं ने कहा की अरुणा देवी ने चार बार चुनाव जीता हैं।इसके बाद भी भाजपा को लगता है की 30 लाख की आबादी में कोई लोकसभा का चुनाव लड़ने लायक नहीं हैं। कहा जा रहा है कोई पटना से आयेगा, मुंगेर से आएगा। क्या हमलोग किसी के बंधुआ मजदुर हैं। अब बाहरी उम्मीदवार के आने पर यहाँ विद्रोह हो जायेगा। हमलोग किसी को घुसने नहीं देंगे।
बात नवादा की बात करें की यहाँ लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 19 अप्रैल को चुनाव कराये जायेंगे। इसके पहले 2009 में भोला बाबू जबकी 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहाँ से भाजपा की टिकट पर गिरिराज सिंह ने चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्होंने जीत हासिल किया था। वहीँ 2019 की बात करें तो यहाँ से एनडीए की तरफ से यह सीट लोजपा के खाते में चली गयी। जिसमें लोजपा की टिकट पर चन्दन सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालाँकि 2024 के लोकसभा चुनाव में इस बार दूसरी स्थिति हैं.