बरबीघा में पुण्यतिथि पर याद किए गए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर

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Barbigha:- प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा के प्रथम प्रधानाध्यापक तथा राष्ट्रकवि के नाम से विख्यात रामधारी सिंह दिनकर को उनकी पुण्यतिथि पर बुधवार को श्रद्धा पूर्वक याद किया गया. विद्यालय परिसर में कार्यक्रम का आयोजन कर प्राचार्य के साथ-साथ शिक्षकों के द्वारा उनकी जीवनी पर बारी बारी से प्रकाश डाली गई. राष्ट्रकवि को याद करते हुए प्राचार्य संजय कुमार ने बताया कि बिहार राज्य के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में 23 सितंबर 1908 को जन्मे रामधारी सिंह दिनकर उन महान कवियों में से एक थे जिन्हें भारत ने देखा है.

हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में रामधारी सिंह दिनकर ने अपने शब्दों से अभूतपूर्व योगदान दिया.उन्हें सबसे सफल और प्रसिद्ध आधुनिक हिंदी कवियों में से एक माना जाता है.वही आचार्य गोपाल जी ने बताया कि दिनकर जब दो साल के थे तब उनके पिता का निधन हो गया था. वर्ष 1928 में मैट्रिक के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान में स्नातक किया, उसके बाद में उन्होंने संस्कृत, बंगाली, अंग्रेजी और उर्दू का भी अध्ययन किया.



वे भारत सरकार के हिंदी सलाहकार भी बनाये गए थे.कवि होने के साथ-साथ दिनकर एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे. दिनकर की प्रसिद्ध पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय’ की प्रस्तावना तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लिखी है. इस प्रस्तावना में नेहरू ने दिनकर को अपना ‘साथी’ और ‘मित्र’ बताया है. 24 अप्रैल 1974 को 65 वर्ष की आयु में बेगूसराय में उनका निधन हो गया. हालाँकि, आज भी महान कवि को याद किया जाता है और सम्मानित किया जाता है.

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