Barbigha-वितीय वर्ष 2022-23 में बरबीघा प्रखंड के मालदह पंचायत में तत्कालीन पंचायत सचिव ताहिर इमाम और मुखिया अनामिका कुमारी के हस्ताक्षर हुए 11 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले ने तुल पकड़ लिया है.दरअसल उक्त वित्तीय वर्ष में धरातल पर काम किए बगैर बिना कोई अभिलेख तैयार हुए ही पंचायत सचिव और मुखिया ने मिलकर राशि की अवैध निकासी कर ली है.इसके बाद पंचायत में लोगों के बीच ऐसी चर्चा हो रही है कि ना खाता न वही पंचायत सचिव और मुखिया ने जो कहा अधिकारी ने मान लिया
वही सही.हद तो तब हो गई जब घोटाला महीनो पहले उजागर होने के बाद अभी तक इस मामले को मैनेज करने में कई बड़े-बड़े लोग जुड़े हुए हैं.यह नहीं घोटाले के आरोपी पंचायत सचिव अधिकारियों को ठेंगा दिखाते हुए पिछले दो महीने से फरार चल रहे हैं. अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होना तो दूर वे किसी का फोन तक नहीं उठा रहे हैं. इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि घोटाला करने के बाद पंचायत सचिव पिछले दो महीने से फरार चल रहे हैं. पंचायत सचिव, प्रखंड विकास पदाधिकारी, बीपीआरओ डीपीआरओ आदि पदाधिकारी में से किसी का फोन नहीं उठा रहे हैं.अप्रैल महीने में उनकी उपस्थिति प्रखंड कार्यालय में शून्य बताई गई है.बीडियो ने बताया कि चुनाव के वक्त भी उनकी ड्यूटी लगाई गई थी. लेकिन उसे वक्त भी उन्होंने किसी का फोन उठाना जरूरी नहीं समझा है.
उन्होंने बताया कि एक बार पंचायत सचिव के सामने आने के बाद उनका पक्ष भी इस मामले में रखा जाएगा.पक्ष जानने के बाद अगर अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया तो मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार के इस बयान से ऐसा प्रतीत हो रहा की फरार चल रहे पंचायत सचिव ताहिर इमाम को विभागीय कार्रवाई का या किसी भी पदाधिकारी का कोई डर नहीं है.वही मालदह पंचायत के वर्तमान पंचायत सचिव श्याम राय प्रसाद सुमन के द्वारा मामले को वरीय अधिकारी द्वारा दबाए जाने का आरोप लगाया जा रहा है.
उनका कहना है कि महीनो पहले घोटाला उजागर होने के बाद अब तक कार्रवाई नहीं होना इस बात को बल दे रहा है.गौरतलब हो कि षष्टम वित्त आयोग के माध्यम से मालदह पंचायत में वित्तीय वर्ष 2022-23 में कार्य करवाने हेतु दो योजना क्रमशः 454000 और 316800 रुपये की खोली गई थी. लेकिन धरातल पर दोनों योजनाओं का काम पूर्ण किये बगैर ही पंचायत सचिव और मुखिया के हस्ताक्षर युक्त चेक के माध्यम से अलग-अलग तारीखों में लगभग 11 लख रुपए की रुपए की अवैध निकासी कर ली गई थी. इस मामले को जिलाधिकारी के समक्ष लिखित रूप से वर्तमान पंचायत सचिव के द्वारा फरवरी महीने में ही उठाया गया है.लेकिन अभी तक इस मामले में किसी प्रकार का कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाया है.