Barbigha:-शेखपुरा जिले में तेजी से फैल रहे नीलगाय और बनसूअर के आतंक से निजात दिलाने को लेकर किसानों द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन दिया गया है. आवेदन के माध्यम से किसानों ने जिलाधिकारी से नीलगाय और बनसुअर को मारने संबंधी अनुज्ञा निर्गत करने का आग्रह किया है.शेरपर गांव के किसान बीरेंद्र कुमार, मिथिलेश कुमार उर्फ मिट्ठू सिंह खोजागाछी गांव निवासी तथा पूर्व मुखिया कीर्ति आजाद सिंह आदि ने बताया कि दोनों ही जानवरों का आतंक किसानों के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं है.
उक्त जानवर फसलों को नष्ट करने के साथ-साथ खेतों की तरफ जाने वाले किसानों पर जानलेवा हमला भी कर रहे हैं. खासकर तब किसान पशुओं का चारा लाने के लिए खेतों की तरफ जाते हैं, उस समय बनसूअर हमला कर देते हैं. बन सुअर के भय से किसान खेतों की तरफ जाने से कतराने लगे हैं.किसानों ने बताया कि वर्ष 2015 से ही शेखपुरा जिला नीलगाय और बनसूअर से प्रभावित रहा है. यही नहीं भारत सरकार द्वारा दोनों ही जानवर को वन्य प्राणी से वंचित कर दिया गया है.जिसकी व्याख्या अधिनियम 1972 की अनुसूची 5 में भी वर्णित है.नीलगाय और बन सुअर
मानव जीवन के विरुद्ध है. किसानों ने जिलाधिकारी से इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए नीलगाय और बन सुअर को मारने हेतु अनुज्ञा जारी करने का आग्रह किया है.आवेदन के साथ उन्होंने इस मामले में एक पूर्व जिलाधिकारी द्वारा लिए गए फैसले का भी हवाला दिया है. यही नहीं किसानों ने बन सुअर के हमले से घायल होने वाले किसानों और पशुपालकों को इलाज हेतु उचित मुआवजा देने का भी आग्रह किया है.
इसके अलावा बरबीघा रेफरल अस्पताल में पद स्थापित रहे मशहूर सर्जन डॉक्टर मनीष नारायण का फिर से तीन दिन ड्यूटी लगाने का भी आग्रह किया, ताकि बन सूअर के हमले से घायल होने वाले किसानों का समुचित इलाज स्थानीय स्तर पर हो सके.