Sheikhpura: चैती छठ को लेकर छठव्रती के द्वारा अर्घ्य देने के लिए और छठ पूजा के प्रसाद बनाने के लिए छठ वर्ती महिलाएं तैयारी में जुड़ी चुकी है. अगले वर्ष कोरोना काल को लेकर ज्यादातर छठवर्ती महिलाएं और आस्था के इस पर्व में विश्वास रखने वाले भक्तों में काफी उदासीनता देखी गई थी.
जिसे लेकर अगले वर्ष छठ घाटों पर ज्यादा चहल-पहल नहीं देखा जा सका परंतु इस बार चैती छठ पूजा को लेकर छठवर्ती महिलाएं जोरों शोरों से तैयारी करने में जुड़ी हुई है. छठ पर्व में खरना के प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी चिन्हों का निर्माण किया जा रहा है. विदित हो कि इस आस्था के पर्व में पूरी तरह से शुद्धता का ख़्याल रखा जाता है. गांव में आज भी छठ जैसे महापर्व को लेकर तनिक सी भी खोट नहीं होने का सचेत्तता देखा जाता है.
आस्था के इस पर्व में विश्वास रखने वाले भक्तों में यह देखा जाता है कि अस्तलगामी सूर्य का पर्व और अर्द्ध दोनों बड़ा प्रभाव कारी होता है. छठ पूजा के पूर्व ही छठ व्रती महिलाओं के द्वारा मिट्टी के चूल्हे का निर्माण कर उसी पर खरना प्रसाद बनाया जाता है. तदोपरांत नहाए खाय से लेकर भगवान भास्कर को प्रणाम करते हुए मिट्टी चूल्हे पर प्रसाद बनाकर ग्रहण करती है जिसके बाद भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के लिए मिट्टी चुने पकवान आदि तैयार विभिन्न प्रकार के तालाब और नदी में पहुंचकर सूर्य को साक्षी मानकर दोनों समय का अर्द्ध प्रदान कर छठ पूजा का समापन किया जाता है. नीमी गांव में स्थित पंचाग्र सूर्य मंदिर के पुरोहित प्रेमभूषण शास्त्री ने बताया की 5 अप्रैल को नहाए खाए के साथ चैती छठ पूजा का शुभारंभ किया जाएगा.
वहीं 6 अप्रैल को खरना और 7 अप्रैल को भगवान का प्रथम अर्द्ध को देकर छठ व्रती महिलाएं 8 अप्रैल सुबह में सूर्य उदय होते भगवान भास्कर का अर्द्ध देकर छठ पूजा को समापन कर सकेंगे.
इस बाबत उन्होंने बताया कि शेखोपुर सराय प्रखंड में बहुचर्चित सूर्य मंदिर नीमी गांव के सकरी नदी के तट पर ग्रामीणों के द्वारा निर्माण कराया गया हैं. जिस घाट का चर्चा प्रखंड से लेकर जिला तक किया जाता है उन्होंने बताया कि इस मंदिर की और भगवान भास्कर की तेज व शक्ति इतनी है कि जो भी नम्र और श्रद्धा भाव के साथ साफ़ दिलों से इस मंदिर में पहुंच कर एक बार माथा टेकता है. उनकी सारी मनोकामनाएं सिद्ध और सफल हो जाती है इस मंदिर की महिमा को लेकर हर एक छठ पूजा में हजारों की संख्या में बाहर रह रहे लोग पहुंच कर सूरज नारायण से मनोकामना सिद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं. साथ हीं शेखपुरा जिला सहित कई राज्यों के सफल बिजनेसमैन और अधिकारी भी हर्षोल्लास होकर भगवान भास्कर के दर्शन करने पंचाग्र सूर्यमंदिर पहुंचते हैं. प्रशासनिक स्तर पर भी इस नदी पर पुख्ता इंतजाम किया जाता है.