Desk: राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में सैकड़ों कोचिंग संस्थान हैं जिनमें ज्यादातर बिना रजिस्ट्रेशन के ही नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं. बिहार सरकार ने कोचिंग संस्थान नियंत्रण एवं विनियमन अधिनियम वर्ष 2010 में लागू किया था, लेकिन 12 वर्षों के बीत जाने के बाद भी अभी तक इसके लिए अधिनियम नहीं बनाया जा सका था. बीपीएससी की परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के बाद सरकार ने अब अधिनियम बनाने की कवायद तेज कर दी है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा कोचिंग संस्थान नियंत्रण एवं विनियमन नियमावली 2022 का प्रारूप बना लिया गया है और तत्काल इसे शिक्षा विभाग के वेबसाइट पर भी जारी कर दिया गया है. इस नई नियमावली को लेकर 31 मई तक लोगों से सुझाव मांगे गए हैं.
माना जा रहा है कि नियमावली लागू होने के 1 महीने के अंदर सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा. सरकार के द्वारा 5000 का निबंधन शुल्क और रिन्यूअल करने के लिए 3000 तय किया गया है. साथ ही कोचिंग संस्थान को पढ़ाने वाले शिक्षक की योग्यता से लेकर फीस और अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी पूरी जानकारी देनी होगी. नई नियमावली के अनुसार निजी कोचिंग संस्थान में भी पढ़ाने वाले शिक्षक कम से कम ग्रेजुएट होने चाहिए.
सरकार के द्वारा बनाए जा रहे हैं कोचिंग संस्थानों के लिए नई नियमावली को लेकर कई निजी कोचिंग संस्थान के संचालकों की अलग-अलग राय है. पटना के कई कोचिंग संस्थान के निदेशक का कहना है कि देर से ही सही, लेकिन सरकार ने सही निर्णय लिया है. सभी कोचिंग के संचालन के लिए नियमावली होनी चाहिए. एसओपी का पालन होना चाहिए.