Sheikhpura: कांग्रेस के दिग्गज और शेखपुरा के संस्थापक माने जाने वाले पूर्व सांसद राजो सिंह हत्या मामले में शुक्रवार को न्यायालय का फैसला आ गया. सभी की निगाहें न्यायालय के 17 साल बाद आने वाले फैसले पर टिकी हुई थी. साक्ष्य के अभाव में नामजद सभी आरोपियों को आज रिहा कर दिया गया.
इस फैसले के आने के बाद शंभू यादव सहित अन्य आरोपियों ने कहा कि वो लोग बेवजह 17 साल से इस पाप का दंश झेल रहे थे. वैसे बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर राजो सिंह की हत्या किसने की ये बात अब एक अबूझ पहेली बनकर रह जाएगी. सवाल तो प्रशासन पर भी उठना लाजमी है कि आखिरकार पुलिस ने कैसी जांच पड़ताल की कि पता ही नहीं चल पाया कि राजो सिंह की हत्या कैसे हुई.
आपको बता दें कि पिछले शुक्रवार को न्यायाधीश संजय सिंह ने मामले की कार्रवाई पूरी कर ली थी और निर्णय सुनाने की तिथि शुक्रवार 3 जून को निर्धारित किया है. हत्या के समर्थन में अभियोजन द्वारा कुल 36 गवाह प्रस्तुत किए गए. जिसमें इस मामले के सूचक राजो सिंह के पौत्र बरबीघा विधायक सुदर्शन कुमार के अलावा उनके ग्रामीण, प्रत्यक्षदर्शी, पुलिस पदाधिकारी, डॉक्टर आदि शामिल हैं. मामले में बचाव पक्ष की ओर से न्यायालय के समक्ष जोरदार दलील दी गई. जिसमें सभी अभियुक्तों को निर्दोष बताया गया और अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को खोखला बताते हुए सभी को इस मामले में झूठा फंसाने का तर्क रखा गया.