Sheikhpura: बरबीघा प्रखंड के कुटौत पंचायत अंतर्गत गोड्डी गांव की एक 70 वर्षीय विधवा महिला बेटा ना होने का दंश पिछले कई वर्षों से झेल रही है. महिला को जब दोनों बेटियों ने रखने से मना कर दिया तब महिला प्रशासन का मदद लेने के लिए बरबीघा थाने पहुंची. मामले को लेकर पीड़िता स्वर्गीय शक्ति पासवान की पत्नी सरस्वती देवी ने बताया कि विवाह के उपरांत उसे सिर्फ दो बेटी हुई थी.
बेटा की चाहत छोड़कर माता-पिता ने दोनों बेटियों को लाड़ प्यार से पाला था. पांच वर्ष पूर्व शक्ति पासवान की मृत्यु होने के बाद महिला की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा. दोनों बेटियों का विवाह होने के बाद अपने अपने ससुराल में मग्न हो गई. तब महिला के भतीजे मुन्ना पासवान ने महिला का देखभाल करना शुरू किया. इस दौरान विधवा महिला ने अपना डेढ़ बीघा जमीन मुन्ना पासवान के नाम से रजिस्ट्री कर दिया. इस बात की भनक लगते ही विधवा महिला की बेटियां मीरा देवी और आरती देवी तुरंत मायके के पहुंच गई और मुन्ना पासवान से झगड़ा करने लगी. दोनों बेटियों ने मुन्ना पासवान पर अपनी मां को बरगला कर धोखाधड़ी से जमीन रजिस्ट्री करने का आरोप लगाया.
यही नहीं दोनों बेटियां मामले को लेकर बरबीघा थाना भी पहुंच गई और मुन्ना पासवान पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाने में आवेदन दे दिया. लेकिन जब पुलिस ने मामला का जांच पड़ताल करने के लिए वृद्ध विधवा महिला को थाने पर बुलाया तो मामला उल्टा पड़ गया. विधवा महिला ने बताया कि उसने स्वेच्छा से मुन्ना पासवान को अपनी सारी जमीन जायदाद लिख दिया है. लेकिन जब दोनों बेटियां नहीं मानी तब अंचलाधिकारी को थाने में बुलाया गया. फिलहाल अंचलाधिकारी ने कागजातों को देखने के बाद दोनों बेटियों को कोर्ट जाने का सलाह दिया. जमीन के लिए लड़ रहे दोनों बेटियों में से किसी ने भी इसके बावजूद मां को रखना पसंद नहीं किया. बाद में अंचलाधिकारी ने कहा कि जमीन पर आपका हक तभी होगा जब आप अपने पास मां को रखेंगे. अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष के समझाने के बाद छोटी बेटी आरती देवी मां को अपने पास रखने के लिए राजी हुई. पुलिस ने आरती देवी से एक बांड पेपर भराकर वृद्ध विधवा महिला को उसकी छोटी बेटी आरती देवी के हवाले कर दिया. इन सभी प्रक्रिया के दौरान महिला की दोनों बेटियां थाने में काफी देर तक पुलिस पदाधिकारियों के सामने ही लड़ते झगड़ते रहे. वही मामले को लेकर थाना अध्यक्ष जयशंकर मिश्र ने बताया कि फिलहाल लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया है.