Barbigha:करीब एक साल से एंबुलेंस की समस्या से जूझ रहे बरबीघा रेफरल अस्पताल को शनिवार को एक नया एंबुलेंस मिल गया.यह एंबुलेंस पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मधुकर कुमार उर्फ डॉक्टर साहब के सौजन्य से प्रभा नरेश सेवा संस्थान द्वारा अस्पताल को समर्पित किया गया है.इस कार्य को मधुकर कुमार के पिता नरेश सिंह ने विधिवत अस्पताल के आयुष चिकित्सक रणधीर कुमार को एंबुलेंस की चाबी सौंप कर पूरा किया.इस मौके पर
जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष अंजनी कुमार कुटोत पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुधीर सिंह लोजपा के पूर्व युवा जिला अध्यक्ष रंजीत सिंह, डाटा एंट्री ऑपरेटर संदीप भारती अस्पताल कर्मी राजू कुमार, महब्बतपुर पंचायत के मुखिया राजीव कुमार उर्फ बौआ जी, कुणाल कुमार अविनाश कुमार काजू सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे. इस अवसर पर नरेश सिंह ने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में सामाजिक कार्यों को बढ़-चढ़कर करना चाहिए.इससे जहां लाचार और बेबस लोगों का भला होता है वही मनुष्य भी पुण्य का भागी बनता है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एंबुलेंस की समस्या के कारण सड़क दुर्घटना में घायल कई लोगों की मौत की खबर ने उन्हें अंदर से दहला दिया था., इसलिए उन्होंने अस्पताल प्रशासन को एंबुलेंस देने का निर्णय लिया था जो आज सार्थक हो गया. एंबुलेंस संचालन के लिए 11 सदस्य कमेटी का गठन भी किया गया है. यह बेहद निर्धन एवं लाचार लोगों के लिए निशुल्क जबकि सक्षम लोगों के लिए अन्य एंबुलेंस के भाड़े की अपेक्षा आधे से भी कम कीमत पर उपलब्ध होगी.इमरजेंसी में मरीज से उतना ही बड़ा लिया जाएगा जितना में गाड़ी का मेंटेनेंस फ्यूल और ड्राइवर का खर्च पूरा हो सके. वही इस मौके पर कई समाजसेवियो ने भी एंबुलेंस के संचालन में आर्थिक सहयोग देने का भी वादा किया. बताते चलें की एंबुलेंस की समस्या को लेकर सबसे पहले डाटा एंट्री ऑपरेटर संदीप भारती ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को अवगत कराया था. जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर अस्पताल की उपेक्षा करने का आरोप भी लगाया था. इसके बाद मधुकर कुमार ने पहल करते हुए तत्काल एंबुलेंस देने का वादा किया था जो आखिरकार पूरा किया गया. मधुकर कुमार के इस प्रयास के लोग काफी सराहना भी कर रहे हैं. वह इस कड़ी में संदीप भारतीय द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद समाजसेवी राजीव सिंह कुणाल कुमार,छोटे उद्यमी तथा द क्विक पॉइंट के संचालक शिव शंकर कुमार आदि जैसे लोगों ने भी एंबुलेंस खरीदने में अपना अपना योगदान देने की बात कही थी. आखिरकार संदीप भारती की मेहनत रंग लाई और अस्पताल को एंबुलेंस की समस्या से मुक्ति मिल गई.