Suraj Sheikhpura:शराब माफिया के झांसे में आकर पुलिस का चौकाने वाला अनुसधान सामने आया है. इस तथ्य के आधार पर शराब मामले में पुलिस द्वारा किये जा रहे कार्रवाई भी संदेह के घेरे में आना शुरू हो गया है. इस मामले में न्यायालय ने पुलिस की कथित गड़बड़ी के सामने आने पर उसे तलब किया है. शराबबंदी कानून के विशेष न्यायाधीश धर्मेन्द्र झा ने बरबीघा थाना के पुलिस अनुसंधानक को न्यायलय में सदेह उपस्थित होकर इस मामले को स्पष्ट करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने पुलिस अनुस्न्धंक को पहली जुलाई को न्यायलय में तलब
किया है. इस सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी में बताया गया है कि बरबीघा थाना पुलिस ने 15 अप्रैल को 2019 उस कंटेनर से 200 कार्टून अंग्रेजी शराब बरामद की थी. उसके साथ अंतर्राजीय शराब तस्कर भी पकडे गए थे. जाँच और अनुसन्धान के क्रम में पुलिस ने कंटेनर पर लगे जाली नम्बर के आधार पर जब्त वाहन का क़ानूनी कार्रवाई करते हुए नीलामी करवा दी. साथ ही जाली नम्बर के आधार पर दूसरे वाहन मालिक के खिलाफ उस शराब बरामदगी मामले में गिरफ्तारी वारंट भी प्राप्त कर लिया. लेकिन पुलिस उस कंटेनर के वास्तिव मालिक का पता लगाने की आवश्यकता नहीं समझी. इस मामले में शराब के साथ जब्त कंटेनर पर फर्जी अंकित नम्बर के मालिक झारखंड के रामगढ़ जिला के मांडू थाना के बसंतपुर निवासी बिमल महतो ने न्याय की गुहार लगाई है. उसने पुलिस के इस कथित मनमानी के खिलाफ कार्रवाई करने और न्यायालय से जारी वारंट वापस करने की प्रर्थना की है. उसके शराबबंदी के विशेष न्यायाधीश धर्मेन्द्र झा के न्यायालय में आवेदन दिया है. न्यायालय ने शनिवार को सुनवाई के दौरान इस मामले की गम्भीरता को लेकर अनुसंधानक को तलब करने का आदेश दिया. लिखित आवेदन में उसने आरोप लगाया कि उसके फर्जी नंबर वाले उस कंटेनर की नीलामी के बाद उसका विधिवत निबंधन हो चूका है. जबकि उसकी छोटी टिपर ट्रक घटना के पूर्व से ही उसके कब्जे में है. उससे लगातार रामगढ़ के कोयला खदान से कोयला की ढुलाई की जा रही है. उसने बताया कि जब वह अपने असली वाहन का त्रैमासिक टैक्स भरने परिवहन कार्यलय पंहुचा तो उसके वाहन का टैक्स पहले से भरा हुआ था.