Sheikhpura: बरबीघा प्रखंड के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सावन की पहली सोमवारी पर छोटे बड़े सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखी गई. महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग भी शिव आस्था में पूरी तरह से सराबोर दिखे. सबसे ज्यादा भीड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध शिव मंदिर बाबा पंच बदन स्थान कुसेढ़ी मंदिर में देखा गया. पांच मुख वाले शिवलिंग के दर्शन के लिए सुबह से लेकर दोपहर तक भक्तों की लंबी लंबी कतारें लगी रही.शेखपुरा जिले के साथ-साथ नवादा नालंदा लखीसराय आदि जिले के लोग भी जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे थे.आम से लेकर खास सभी शिव भक्ति की धुन में मगन होकर शिवालय पहुंचे और भगवान भोलेनाथ पर जल अर्पण किया.इस दौरान पूरा क्षेत्र हर हर महादेव के नारों से गूंजता रहा. शिव भक्तों ने शिवलिंग पर बेलपत्र, चंदन पुष्प गंगाजल आदि से जलाभिषेक करके भगवान भोलेनाथ से सुख समृद्धि और निरोगी काया का आशीर्वाद मांगा. पंच बदन स्थान में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शिव भक्तों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई थी.पूजा अर्चना के मंदिर को पूरी तरह से सजाने के साथ-साथ परिसर में साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की गई थी.
सैकड़ों साल पुरानी शिव मंदिर बना आस्था का केंद्र
पंचवदन स्थान में स्थित पंचमुखी शिव मंदिर के बारे में एक विशेष मान्यता है.दरअसल वर्ष 1852 में बभनबीघा गांव निवासी छट्टू गुरुजी नामक एक पंडित पैदल यात्रा करते हुए जलाभिषेक के लिए देवघर जा रहे थे. लखीसराय जिला के क्यूल पहुंचने के बाद विश्राम अवस्था में भगवान शिव ने स्वप्न में आकर उन्हें कुसेढ़ी गांव में पंचमुखी शिवलिंग होने की बात बताई. स्वप्न के बाद वे तुरंत पैदल लौट आए. पंडित जी के आदेश पर उक्त गांव में एक बरगद के पेड़ के बगल में खुदाई की गई जहां से पंचमुखी शिवलिंग की प्राप्ति हुई. शिवलिंग निकलने के उपरांत गांव वालों के सहयोग से वहां एक मंदिर का निर्माण कराया गया. धीरे-धीरे कई लोगों की मन्नतें पूरी होने के बाद इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैलती गई. मंदिर समिति के अध्यक्ष कार्य नंद सिंह ने बताया यहां अब सालों भर लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं. इसके अलावा सावन और महाशिवरात्रि में मेले जैसा माहौल होता है.खासकर सावन महीने के प्रत्येक सोमवारी को जलाभिषेक करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ग्रामीण भी दूरदराज से आने वाले शिव भक्तों का पूरा ख्याल रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो शिव भक्त यहां सच्चे मन से जलाभिषेक करके भगवान भोलेनाथ से कुछ मानते हैं तो उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है.