
Barbigha:-शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में चौठचंद्र चंद्रमा को अर्घ्य देने के साथ ही चकचंदा पर्व संपन्न हो गया. पर्व को लेकर मंगलवार को दिन में ही खरीदारी के लिए बजारों में दिनभर भीड़ लगी रही. मंगलवार की संध्या में आंगन में व्रती महिलाओं द्वारा चंद्रमा को अर्घ्य दिया गया. व्रत धारी महिलाओं ने पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके डाली में दही, पकवान कई तरह की मिठाई

रखकर विभिन्न मंत्रोच्चारण के साथ चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किया. लोगों ने दूध एवं गंगा जल से अर्घ्य देने कि सदियों से चली आ रही परंपरा का बखूबी निर्वहन किया. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही लोगों ने घरों में प्रसाद ग्रहण किया. महिलाओं ने दिन भर निर्जला उपवास रखकर संध्या में चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही अन जल ग्रहण किया.


क्यो किया जाता है चकचंदा ब्रत

इस त्यौहार को पिछले कई वर्षों से करते आ रहे बरबीघा के सुभानपुर गांव निवासी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद चौठ के दिन चंद्र देव का दर्शन करने से दोष लगता है.इसलिए व्रती महिलाएं भी अर्घ्य देने के दौरान बर्तन में दही जमा कर उस पर दिखने वाले चांद के प्रतिबिंब का दर्शन करते हुए उन्हें अर्घ्य अर्पित करती है.चांद के दर्शन करने से लगने वाले इस दोष से बचने के लिए ही चकचंदा व्रत किया जाता है.