Sheikhpura: बरबीघा के ख्याति प्राप्त शिक्षण संस्थान ज्ञान निकेतन विद्यालय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर 114 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. इस मौके पर विराट कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया. कवि सम्मेलन में राज्य के कई ख्याति प्राप्त कवियों के अलावा दर्जनों की संख्या में क्षेत्रीय कवियों ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मगध विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉक्टर महेंद्र कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में केएसएस कॉलेज लखीसराय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विजेंद्र कुमार ब्रजेश के अलावा प्रोफेसर सुधीर मोहन शर्मा, माध्यमिक शिक्षक संघ के राजनीति कुमार, सेवानिवृत्त शिक्षक भोलानाथ भास्कर, श्रवण कुमार, राजकुमार सिंह इत्यादि लोग भी उपस्थित हुए. आगत अतिथियों का स्वागत विद्यालय के निदेशक एवं एसकेआर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ रामविलास सिंह व विद्यालय के प्राचार्य एसके पांडे ने अंग वस्त्र, बुके एवं राष्ट्र कवि दिनकर का प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया.
इस अवसर पर मेधावी छात्र रिशु कुमार को जेईई एडवांस परीक्षा में सफल होने पर उन्हें पांच हज़ार का चेक देकर सम्मानित किया. प्रोफेसर महेंद्र कुमार इस अवसर पर कहा कि दिनकर जी ने क्रांतिकारी कवि के रूप में देश को बहुत कुछ दिया. उनके द्वारा दिनकर जी द्वारा लिखी गई कविताओं रश्मि रथी, उर्वशी, कुरुक्षेत्र, हिमालय एवं संस्कृति के चार अध्याय इत्यादि रचनाओं को याद दिलाते हुए कहा कि वास्तव में वे समाज को नई दशा एवं दिशा देने का काम किये थे. दिनकर जी के वाणी मे तेज प्रताप और हुंकार था. इस मौके पर प्रोफेसर विजेंद्र कुमार ब्रजेश ने कहा कि दिनकर जी ने अनेकानेक कविताओं के अलावा गद के भी चार पांच अध्याय लिखने का काम किया. अपनी ओजस्वी भाषण में डॉ रामविलास सिंह ने दिनकर जी के मार्गदर्शन और पद चिन्हों पर चलने के लिए लोगो को प्रेरित किया. कहा कि बरबीघा प्लस टू उच्च विद्यालय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने प्रथम प्रधानाध्यापक के पद पर रहते हुए हिमालय नामक कविता की रचना की थी. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की जन्म भूमि भले ही बेगूसराय जिले के सिमरिया रहा हो लेकिन बरबीघा उनका कर्मभूमि रहा है.
दिनकर जी की जयंती के अवसर पर विद्यालय के इसी मंच पर विराट कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के कई ख्याति प्राप्त कवियों के अलावा दर्जनों की संख्या में स्थानीय कवियों ने अपनी अपनी कविताओं का पाठ करते हुए दर्शकों व श्रोताओं का काफी मनोरंजन किया. इस मौके पर हास्य कवि रंजीत कुमार दूदू ने ई मोबाइलबा तो जी के जंजाल है एवं पिटा गेलिओ हम तो साला के ससुराल में का कविता पाठ करते हुए श्रोताओं को बार-बार हंसने पर विवश कर दिया. अन्य कवियों में आचार्य गोपाल जी, अशोक समदर्शी, जयनंदन सिंह ,मंसूर खान, सुरेंद्र कुमार सिद्धार्थ, विजय राम रतन सिंह ,बांके बिहारी ,ममता कुमारी, हेमंत जी, रामबालक सिंह ,अजय कुमार झा एवं जयराम देवसपुरी ने अपनी- अपनी कविताओं से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया. इस मौके पर मंच का संचालन ख्याति प्राप्त कवि एवं शिक्षक आचार्य गोपाल जी ने किया.