Sheikhpura: नगर निकाय चुनाव को लेकर शहर का पारा काफी हाई हो गया है. आलम ये है कि जहां भी जाइए बस एक ही बात की चर्चा होती है इस बार देखिए कौन बाजी मारता है. बरबीघा में खासकर मुख्य पार्षद पद और वार्ड नंबर 21 को लेकर खूब चर्चा हो रही है. वजह ये है कि एक तरफ मुख्य पार्षद पद के लिए पूर्व सभापति ने अपने खास को मैदान में उतारा है वहीं खुद वार्ड नंबर 21 से चुनावी मैदान में हैं लेकिन पत्रकार उमेश कुमार के मैदान में आ जाने से पूर्व सभापति का रास्ता काफी कटीला होता दिख रहा है.
कुछ किए नहीं हैं तो कुछ बिगाड़े भी नहीं हैं
दरअसल बरबीघा शहर काफी अमन चैन वाला शहर रहा है. इस शहर की खासियत ये रही है कि सालों से ये शहर पॉलिटिकली एक्टिव तो रहा है लेकिन कभी पॉलिटिकली एग्रेसिव नहीं रहा है. कारोबारियों के इस शहर में लोग पॉलिटिकल समझ खूब रखते हैं लेकिन ओपनली कहीं पर बयान देने से कतराते हैं. ऐसे में जब शेखपुरा लाइव की टीम बाजार में लोगों का मन टटोलने की कोशिश कर रही थी तो उसमे एक लाइन बेहद कॉमन सुनने को मिला. वो लाइन ये है कि पूर्व सभापति रौशन कुमार ने कुछ किया नहीं है तो किसी का कुछ बिगाड़ा भी नहीं है. इस लाइन के कई मायने निकाले जा सकते हैं. हमने कुछ और लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था कि सर आप मेरा नाम नहीं छापिएगा. लेकिन लोगों में थोड़ा खौफ तो आज भी है. किसको लेकर ये खौफ है आप समझ सकते हैं लेकिन इस बार परिवर्तन होगा. उपरी तौर पर हमलोग विरोध तो नहीं करेंगे लेकिन इस बार मन बना लिए हैं.
सोशल मीडिया में शंकु VS रौशन जंग जारी है
इस बार का चुनाव वैसे भी बेहद खास होने जा रहा है. पिछले चुनाव की तुलना इस चुनाव से करें तो इस बार सोशल मीडिया पर चुनाव को लेकर यूथ काफी एक्टिव दिख रहे हैं. कोई शंकु सिंह को बेहतर नेता बता रहा है कोई पूर्व सभापति रौशन का गुणगान कर रहा है. एक बात अच्छी ये है कि इस बार व्यक्तिगत टिप्पणी के बजाय लोग विकास की बात कर रहे हैं. लोग यहां तक कह रहे हैं कि शंकु कुमार का कैंडिडेट काफी पढ़ा लिखा है वहीं रौशन कुमार ने वैसे कैंडिडेट को खड़ा किया है जो टोटली उनके कंट्रोल में है.
वार्ड नंबर 21 बन गई है है सबसे खास सीट
नामांकन से पहले यह चर्चा थी कि वार्ड नंबर 21 से पूर्व सभापति रौशन के अलावा कोई चुनाव मैदान में नहीं उतर रहा है. ऐसे में तय माना जा रहा था कि पूर्व सभापति निर्विरोध चुनाव जीत जाएंगे. लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पत्रकार उमेश कुमार ने उनका पूरा का पूरा गणित बिगाड़ दिया और वार्ड नंबर 21 से चुनावी मैदान में उतर गए. वैसे तो अभी दोनों दावा कर रहे हैं कि हम जीत रहे हैं लेकिन वार्ड नंबर 21 के लोगों की खामोशी कोई खेला ना कर दे इस बात का डर रौशन कुमार को खूब सता रहा है.