Barbigha:- महान स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केशरी डॉ श्री कृष्ण सिंह जी की 135वीं जयंती श्री कृष्ण आश्रम (कांग्रेस आश्रम )बरबीघा में मनायी गयी.तद्पश्चात उनके व्यक्तित्व और कीर्ति पर चर्चा की गई. इस दौरान कांग्रेस नेता तथा पूर्व नगर अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि श्री बाबू एक महान जननेता थे. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार को जो नई दिशा देने का काम किया था उसकी मिसाल आज भी दी जाती है.बिहार
में जमीदारी प्रथा का उन्मूलन हो या देवघर के मंदिरों में दलितों का प्रवेश उनका हर निर्णय हमेशा समाज के हित में रहा था.बिहार को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए उन्होंने अनेकों कल कारखाने स्थापित करवाए थे.उनके बाद के सरकारों ने नए काल कारखाने लगवाने तो दूर उनके द्वारा लगाए गए कल कारखानों का ठीक ढंग से रखरखाव भी नहीं कर पाए. यही वजह है कि एक समय पूरे देश में आर्थिक रूप से मजबूत रहने वाला बिहार अब पिछड़ा प्रदेश बन चुका है. वही गोवर्धन सिंह ने कहा कि बिहार को फिर से अग्रणी और विकसित राज्य बनाने के लिए हमें श्री बाबू जैसे किसी मसीहा की तलाश है. उनके जैसा मुख्यमंत्री ना तो पहले कभी हुआ ना आगे कभी होगा. कांग्रेस नेताओं द्वारा इसके बाद भी श्री कृष्ण चौक पर स्थापित आदमकद प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया गया.इस मौके प्रखंड अध्यक्ष संजीत कुमार , पूर्ब नगर अध्यक्ष अजय कुमार, गोबर्धन बाबू ,शम्भू सिंह ,हरि शंकर , बीरेंद्र सिंह , मकेशर सिंह , त्रिलोकी यादब , श्री महतो , राजीब कुमार , सुदय कुमार, इंदुभूषण सिंह ,इंद्रजीत कुमार इत्यादि लोग उपस्थित रहे.
समाजवादी नेता शिव कुमार ने कहा जाति में बांधने की हो रही कोशिश
इस मौके पर समाजवादी नेता तथा बरबीघा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी रहे शिवकुमार ने श्री बाबू को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि आज श्री बाबू को कुछ स्वार्थी लोग जाति के बन्धन में वाधने में लगे है.वे जाति के नेता कभी नहीं रहें।.वह युग पुरुष थे और समाज व राष्ट के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक काम करते रहें.जाति का नेता कभी समाज और राष्ट का नेता नहीं हो सकता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि श्री बाबू के पैतृक शहर बरबीघा को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद व राबड़ी देवी , वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अनुमंडल बनाने का वादा किया था.लेकिन आज तक बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के क्षेत्र को किसी भी सरकार ने विकसित करने का कोई प्रयास नहीं किया. सरकार को इस पर पहल करके बरबीघा को अनुमंडल बनाते हुए श्री बाबू को सच्चे रूप में श्रद्धांजलि देने का प्रयास करना चाहिए