Barbigha:-आज महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना की पूजा गई.इस खास दिन गुड़ की खीर, रोटी और केले से भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है. व्रती महिलाएं खरना के दिन शाम में ही खीर का प्रसाद ग्रहण करती है. छठ पर्व बरसों से करती आ रही भाजपा के प्रदेश मंत्री डॉ पूनम शर्मा ने बताया कि व्रती महिलाएं आज के दिन नमक या अन्य अन्न में हाथ भी नहीं लगा सकती हैं. खीर खाने के
बाद ही व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. खरना के दिन भी पवित्रता और स्वच्छता का विशेष रूप से ख्याल रखना होता है. आपको बता दें कि खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी की मदद से बनाया जाता है. वहीं कई जगह आज के दिन ही छठ का प्रसाद ठेकुआ सब भी तैयार कर लिया जाता है. शहरों में मिट्टी के चूल्हे नहीं मिलने पर गैस का इस्तेमाल भी किया जाता है बशर्ते वो नया और शुद्ध हो.
खरना पूजा विधि
खरना के दिन व्रती महिलाएं प्रात:काल स्नान कर के साफ और नया वस्त्र पहनती हैं.इसके बाद पूरा दिन व्रत रखने के बाद सूर्यास्त के बाद चूल्हे पर खरना का प्रसाद तैयार करती हैं.फिर शाम में सूर्य देव को खीर, रोटी और केले से अर्घ्य दिया जाता है. भगवान भास्कर को भोग लगाने के बाद सबसे पहले व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं. बाद में व्रती खरना का प्रसाद परिवार के सभी सदस्यों में बांटती हैं.बता दें कि खरना के साथ महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. छठ व्रत के दौरान ब्रम्हचर्य का पालन करना होता है. इसके साथ व्रत में बिस्तर या बेड पर नहीं सोना चाहिए. व्रतियों को छठ व्रत के समय जमीन पर आसान लगाकर सोना होता है.