धान में लग रहे कीड़ों की जांच करने पहुंचे कृषि कर्मी..भुखमरी की कगार पर पहुंचे क्षेत्र के किसान

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बरबीघा:-जिले के विभिन्न क्षेत्रों में धान की फसल तैयार होने से पूर्व मधुवा कीट के भयंकर अटैक से किसानों का बुरा हाल है. तैयार फसल को बर्बाद होते देख किसान खून के आंसू रोने के रोने को मजबूर हैं.किसानों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपनी फसलों को बर्बाद होने से कैसे बचाएं.फसलों को बचाने के लिए किसान विभिन्न दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं.ऐसे में जिले भर से मिल

रही शिकायतों को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी कृषि कर्मियों को जांच के आदेश दिए हैं.इसी दरमियान बरबीघा प्रखंड के तेउस पंचायत में पहुंचकर किसान सलाहकार महेश कुमार और उसकी टीम द्वारा फसलों में लग रहे कीड़े के बारे में जायजा लिया गया. किसान सलाहकार ने बताया कि मधुवा कीट के प्रकोप से बचने के लिए किसान विभिन्न प्रकार के दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं. लेकिन दवाओं के छिड़काव के बावजूद किसानों को कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा है.बरबीघा प्रखंड के अन्य दर्जनों गांव में भी मधुआ कीट के अटैक से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद अधिकारी सजग हुए तथा किसानों को हुए नुकसान का आकलन कराया जा रहा है.डीएम सावन कुमार के निर्देश पर कृषि कृषि कर्मियों की टीम जिले भर के विभिन्न गांव में पहुंच कर मधुआ कीट के अटैक से धान की फसल को होने वाले नुकसान का आकलन कर रही है. जांच टीम के समक्ष किसानों ने बर्बाद हुए धान की फसल को लेकर मुआवजा दिलवाने का मांग भी किया है.किसान सलाहकार ने बताया कि जांच रिपोर्ट का विवरण डीएम और जिला कृषि पदाधिकारी को भेजा जाएगा.



जांच रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार पीड़ित किसान को मुआवजा देने का निर्णय ले सकेगी. गौरतलब हो कि कम बारिश होने की वजह से किसान पहले ही सुखाड़ की चपेट में थे.ऐसे में जो थोड़ी-बहुत धान की फसल थी उस पर मधुआ कीट के प्रकोप ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. ऐसे में किसान अब जिला प्रशासन और सरकार से सहायता मिलने की उम्मीद में आस लगाए बैठे हैं.

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