अपने ही आदेश को तामिल नही करवा पा रहे अंचलाधिकारी.विवशता है या कुछ और..जनता दरबार के भरी महफिल में युवक ने खोल दिया राज

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बरबीघा:-शनिवार को बरबीघा थाना में लगाया गया जनता दरबार में उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई एक युवक ने सीओ पर जातिवाद करने का आरोप लगा दिया.गुस्साए सीओ साहब ने युवक को साफ लहजे में कह दिया जाओ तुम्हारा काम नहीं करेंगे.दरअसल बरबीघा नगर क्षेत्र के नसरतपुर गांव का बलराम कुमार अपने घर

के बगल में किए गए अतिक्रमण को हटवाने के लिए सीओ साहब के जनता दरबार में पहुंचा था. बलराम कुमार के कच्चा मिट्टी के मकान के घर के बगल में गैरमजरूआ जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण करते हुए अस्थाई घर और तबेला बना लिया है. बलराम कुमार ने बताया कि पिछले चार वर्षो से वह बरबीघा अंचल कार्यालय, डीएम कार्यालय और एसपी कार्यालय का चक्कर लगा लगा कर थक चुका है. वर्ष 2019 में लोक शिकायत निवारण में भी मामले को ले गया था.वहां भी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी केके यादव ने सुनवाई करते हुए स्थानीय पदाधिकारी को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया था.लेकिन उस समय भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया था. हाल ही में इस बीच वर्तमान डीएम सावन कुमार के पास भी वह आधा दर्जन बार जा चुका है. पीड़ित ने बताया कि जिलाधिकारी ने भी मामले की जांच पड़ताल करते हुए सीओ को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था.इसके बाद अंचलाधिकारी भुवनेश्वर यादव ने मामले पर संज्ञान लेते हुए लगभग एक दर्जन अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करते हुए 12 जनवरी 2023 तक ही अतिक्रमण हटा लेने का आदेश दिया था. इसके बावजूद अतिक्रमणकारियों ने ना तो अतिक्रमण हटाया और ना ही सीओ साहब ने कोई कार्यवाई किया.इस बीच बलराम कुमार को अतिक्रमणकारियों के द्वारा इस तरह की कार्यवाई करवाने के लिए मारपीट और गाली गलौज किया जाने लगा.बलराम कुमार ने साफ कहा कि अतिक्रमण कारियो में कुछ सीओ साहब के स्वजातीय लोग हैं. इस वजह से वे अतिक्रमण हटाने से कतरा रहे हैं. सीओ साहब और बलराम कुमार के बीच हुए इस तीखी नोकझोंक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.वही मामले को लेकर सीईओ भुवनेश्वर यादव ने बताया कि उनके ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.अतिक्रमणकारियों को अंतिम नोटिस देने के बाद सभी लोग डीएम के पास गए थे. डीएम से उन्होंने गरीब होने का हवाला देकर वहां से न हटाने का आग्रह किया गया है. इसी कारणवश अतिक्रमण हटाने में देरी हो रही है.अगर जिलाधिकारी के पास से अंतिम रूप से आदेश आता है तो निश्चित तौर पर अतिक्रमण को हटाया जाएगा. प्रशासनिक कार्यवाई बिना किसी भेदभाव के किया जाता है.,



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