बरबीघा के युवक ने मुंबई में किया प्रेम विवाह..बच्चा पैदा करने के बाद पत्नी को छोड़ा दूसरी महिला से चल रहा चक्कर दरवाजे पर खड़ा बेटा कहते रहा पापा दरवाजा खोलो ना

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Barbigha:-पापा दरवाजा खोलो ना.. 5 साल का पुत्र अपने पिता से यह फरियाद कई घंटों तक करता रहा लेकिन पिता का दिल तनिक भी नहीं पसीजा. बच्चे को गोद में या कलेजे से लगाने के बजाय पिता ने दरवाजा खोलना तक मुनासिब नहीं समझा. यह दृश्य बरबीघा नगर क्षेत्र के गंज पर मोहल्ला में जिसने भी देखा सभी आश्चर्यचकित रह गए. दरअसल यह पूरा मामला प्रेम

विवाह से जुड़ा हुआ है. मूल रूप से झारखंड राज्य के रांची की रहने वाली पीड़ित विवाहिता महिला सुमन देवी ने बताया कि वर्ष 2014 में उसने गंजपर मोहल्ला निवासी आशीष गुप्ता से मुंबई में रहने के दौरान प्रेम विवाह किया था. कुछ वर्षों तक मुंबई में रहने के बाद दोनों पति-पत्नी पटना में रहने लगे. वहीं पर दोनों को एक पुत्र भी हुआ. इसके बाद रोजी रोटी के लिए आशीष कुमार ने शेखपुरा नगर क्षेत्र में एक मोबाइल का दुकान भी खोल लिया. आशीष और सुमन की जिंदगी अपने बच्चे के साथ बहुत अच्छे तरीके से कट रही थी. लेकिन तभी समय ने करवट ली और पति पत्नी और वो वाला कहानी फिर शुरू हो गया. सुमन कुमारी से मन भरने के बाद आशीष गुप्ता ने दूसरी शादी चुपचाप तरीके से रचाने का प्लान तैयार कर लिया. लेकिन इस बात की भनक किसी तरह सुमन कुमारी को लग गई और उसने इसका विरोध किया. सुमन कुमारी को पति की अय्याशी का विरोध करना काफी महंगा पड़ा. आशीष गुप्ता ने सुमन कुमारी और अपने बच्चे को घर से बाहर निकाल दिया और उसने दुकान में भी ताला जड़ दिया. काफी आरजू विनती करने के बाद भी जब आशीष गुप्ता का दिल नहीं पसीजा तब सुमन कुमारी शेखपुरा महिला हेल्पलाइन सेंटर पहुंची. सोमवार को महिला हेल्पलाइन के पदाधिकारियों ने बरबीघा गंजगंज पर मोहल्ला निवासी सुरेंद्र गुप्ता के पुत्र आशीष गुप्ता और उसके परिवार को हाजिर होने का नोटिस भेजा था. लेकिन इसके बावजूद आशीष गुप्ता महिला हेल्पलाइन में उपस्थित होना जरूरी नहीं समझा. थक हारकर सोमवार की संध्या सुमन कुमारी खुद अपने ससुराल पहुंच गई और घर में घुसने का प्रयास करने लगी. लेकिन आशीष गुप्ता और उसके परिवार वाले इसके बावजूद भी कहां मानने वाले थे. उन्होंने घर का दरवाजा बंद कर लिया और सुमन कुमारी को घर में घुसने से रोक. आशीष गुप्ता का 5 साल का बेटा कई घंटों तक दरवाजे के बाहर खड़ा होकर कहता रहा पापा दरवाजा खोलो ना मैं आपका बेटा हूं. लेकिन आशीष गुप्ता और उसके परिवार वाले महिला को अपना पत्नी या बहू मानने से इंकार कर रहे थे. आशीष गुप्ता के पिता ने तो यहां तक कह दिया कि यह बच्चा मेरे बेटे का नहीं है. इसके बाद महिला ने हाई वोल्टेज ड्रामा शुरु कर दिया. मौके पर बरबीघा के मिशन ओपी थाना पुलिस भी पहुंची लेकिन इसके बावजूद भी ससुराल वालों ने दरवाजा खोल कर महिला को अंदर घुसने नहीं दिया. प्रेम में धोखा खाए सुमन कुमारी लगाता रोए जा रही थी.चीख चीखकर  कह रही थी आशीष ने हमें धोखा दिया है अब अपने 5 साल के बच्चे को लेकर मैं कहां जाऊं. अब देखना है कि स्थानीय प्रशासन और महिला हेल्पलाइन महिला की किस तरह से मदद कर पाती है. वही आशीष गुप्ता भी घर से फरार बताया जा रहा है.



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