Barbigha:-आधुनिक बिहार के निर्माता कहे जाने वाले बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह उर्फ श्री बाबू को उनकी 62वीं पुण्यतिथि पर जगह जगह श्रद्धा पूर्वक याद किया गया.भाजपा के प्रदेश मंत्री तथा नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड की स्वतंत्र निर्देशिका डॉक्टर पूनम शर्मा ने भी श्री बाबू चौक स्थापित उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्री बाबू को निश्चित तौर पर भारत रत्न मिलना
चाहिए. बिहार के मुख्यमंत्री को इसके लिए केंद्र सरकार के पास सिफारिश भेजनी चाहिए.उनके जन्म स्थान को लेकर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि उनका जन्म स्थान खनवा नहीं बल्कि माउर ग्राम है. कई सारी किताबों में भी इस बात का पुख्ता प्रमाण मौजूद है. उन्होंने बिहार ही नहीं बल्कि भारत की अखंडता बनाए रखने के लिए सबसे पहले बिहार में जमीदारी प्रथा का उन्मूलन किया था.जिस समय देश में छुआछूत चरम पर था उस समय भी उन्होंने बिहार में दलितों को देवघर मंदिर में प्रवेश कराकर सामाजिक समरसता की मिसाल कायम की थी.उनके कार्यकाल के दौरान बिहार देश के अग्रणी राज्यों में शुमार था. उस समय बिहार के प्रति व्यक्ति आज भी अन्य राज्यों की तुलना अधिक थी. लेकिन उनके बाद की सरकारों ने बिहार की दुर्दशा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बिहार में नए कल कारखाने लगवाने की बजाए श्री बाबू के द्वारा जो कुछ लगाया गया था उसे भी बर्बाद कर दिया गया. जिस जात पात वाली राजनीति का श्री बाबू विरोधी थे,वर्तमान बिहार में उसी जातिगत राजनीति को बढ़ावा देकर बरसों से सरकारे सत्ता चला रही है.बिहार को पुनः अग्रणी राज्यों में शुमार करने के लिए बिहार को उन्हीं की तरह सोचने वाले मुख्यमंत्री की अभी जरूरत है. मौके पर रजनीश कुमार शिव बच्चन सिंह सतीश विद्यार्थी वरिष्ठ पत्रकार अरुण साथी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे