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Sheikhpura: बरबीघा शहर के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान मॉडर्न इंस्टीट्यूट में रविवार को बारहवीं के छात्रों को कैरियर से संबंधित काउंसलिंग क्लारसेज संस्थान के निदेशक मोहम्म्द शब्बीर हुसैन के द्वारा दिया गया जिसमें उन्होनें ने कहा कि स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स की जिंदगी में 10वीं और 12वीं दो अहम पड़ाव होते हैं. इन दो पड़ावों के पार करियर को लेकर तमाम तरह के भ्रम और सवाल उनके दिमाग में होते हैं. अगर 100 बच्चों की बात करें तो इस तरह की गलती करने वाले कम से कम 25 से 30 बच्चे जरूर मिलेंगे. दोस्तों को देखकर या दोस्ती न टूटे इसलिए या फिर अगर कोई बच्चा तेज है तो उससे नोट्स या दूसरी मदद मिलती रहेगी, इन चक्करों में बच्चे गलत चुनाव कर लेते हैं. अब स्थिति ऐसी बनती है कि बच्चे की दिलचस्पी है ह्यूमेनिटीज में, लेकिन दोस्त की वजह से वह चुन लेता है साइंस या कॉमर्स आदि. अब पढ़ाई में मन लगेगा कैसे. कैरियर बनेगा कैस आदि चीजो को लेकर काफी तनावग्रस्तं हो जाते है. इसलिए सही समय पर सही चुनाव करना बेहद जरूरी है. इसी समस्याओं के निराकरण के लिए मॉडर्न इंस्टीच्यूहट ने 12वीं विद्यार्थियों के लिए (जिनका बोर्ड परीक्षा खत्मण हो चुका है) 10 फरवरी 2023 से पारा-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की बैच सुबह 7 बजे से शुरू कर रहे है.
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ज्ञातव्य हो कि इस संस्थान से प्रत्येक वर्ष कई बच्चे पारा-मेडिकल, एग्रीकल्चर, बीएससी नर्सिंग आदि के सरकारी कॉलेज में दाखिला लेकर अपना कैरियर सुरक्षित कर चुके है. यह गलती काफी पैरंट्स करते हैं. वे अपनी सोच, चाहत और नाकामियों की पूर्ति बच्चों से करवाना चाहते हैं. इस तरह की सोच बिलकुल गलत है. हर बच्चे की अपनी काबिलियत और चाहत होती है. हर कोई डॉक्टर या इंजिनियर नहीं बन सकता। आज तो 3000 से भी ज्यादा करियर ऑप्शंस हैं.
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अधिकांश अभिभावक बायोलॉजी के साथ पढने वाले बच्चों को सिर्फ एमबीबीएस में ही कैरियर बनाने की संभावना तलाशते है जबकि एमबीबीएस में सीटे कम रहने के कारण कम्टींशन काफी टफ हो जाती है जिससे मेधावी बच्चे भी डिप्रेशन में चले जाते है. अभिभावक और बच्चों को चाहिए मेडिकल के अन्य क्षेत्र जिसमें भीड़ भी कम है और एक मध्यम वर्ग से आने वाले बच्चे भी जैसे मेडिसिन, अलाइड हेल्थ साइंस, पैरामेडिकल, बीएएमएस आयुर्वेदिक, बीयूएमएस यूनानी, बीएचएमएस होमियोपैथिक, बीएनवाईएस नेचुरोपैथी, बीडीएस डेंटल, बीएससी एग्रीकल्चर, बीभीएससी वेटरनरी, बीपीटी फिजियोथेरपी, बी फार्मा, बीएससी नर्सिंग, बैचलर इन ऑक्यु पेशनल थेरपी, बीएससी रेडियो थेरपी, बीएससी इन ऑपरेशन थियेटर टेक्नॉबलजी, लैब टेक्नेडशियन आदि में अपना कैरियर बना सकते है.
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