Barbigha:-बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह के पैतृक गांव के लोगों द्वारा बिहार के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है.यह ज्ञापन बरबीघा के पिछड़ेपन को दूर करने में पहल करने के लिए दिया गया है. ज्ञापन सौंपने वाले ग्रामीण अविनाश कुमार काजू और रजनीश कुमार ने बताया कि श्री बाबू के समय में बरबीघा में विकास की गंगा बहा करती थी.उन्होंने पूरे सूबे में बिना किसी भेदभाव के विकास के कार्यों को अंजाम दिया था.
लेकिन उनके बाद के मुख्यमंत्रियों ने सिर्फ अपने अपने क्षेत्रों में ही विकास करने को प्राथमिकता दिया. जिस वजह से बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री की जन्मस्थली बरबीघा पिछड़ेपन का शिकार हो गया है.ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल को बताया गया कि श्री बाबू द्वारा स्थापित एसकेआर कॉलेज में एक समय में 70 प्रोफ़ेसर हुआ करते थे.लेकिन वर्तमान में मुश्किल से 10 प्रोफेसर नियुक्त है.प्रोफेसर की कमी के कारण उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई है.
इसके अलावा श्री बाबू द्वारा पौरा सकरी नहर योजना शुरू की गई थी जो क्षेत्रवासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं था. लेकिन अब यह नहर भी मृतप्राय होने के कगार पर है. जिस वजह से क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था पूरी तरह से बाधित हो गई है.प्रथम मुख्यमंत्री के पैतृक गांव में उनकी पत्नी रामरूची देवी के नाम पर स्थापित मध्य विद्यालय का जर्जर भवन और शिक्षकों की कमी को लेकर भी राज्यपाल के समक्ष चिंता जाहिर की गई. इसके अलावा कॉलेज में स्टेडियम बनाने संबंधित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.
ग्रामीणों ने राज्यपाल से उक्त सभी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर उसके निराकरण हेतु पहल करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि उक्त सभी व्यवस्थाओं को क्षेत्र में सुचारू रूप से बहाल होना ही श्री बाबू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.ग्रामीणों ने बताया कि राज्यपाल ने सभी बिंदुओं पर प्रमुखता से सहयोग करने का आश्वासन दिया है.