Barbigha:- विभिन्न मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर डटी आशा कार्यकर्ताओं का मंगलवार को मरीजों के साथ झड़प हो गया. दरअसल मंगलवार को भी आशा कार्यकर्ता प्रदर्शन करने के लिए अस्पताल पहुंची थी.वेलोग रेफरल अस्पताल बरबीघा के मुख्य दरवाजे पर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी. इस दौरान अस्पताल के अंदर और बाहर आने जाने वाले लोगों को पूरी तरह से रोक दिया गया.
यहां तक कि मरीजों को भी अस्पताल में प्रवेश करने नहीं दिया गया.प्रदर्शन के समय बरबीघा के अंचलाधिकारी भुनेश्वर यादव भी अपने परिजन को लेकर इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे थे.लेकिन आशा कार्यकर्ताओं की जिद के आगे उन्हें भी बैरंग वापस लौटना पड़ गया.करीब दो घंटे तक लगातार प्रदर्शन करने की वजह से अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों भीड़ जमा हो गई. कई लोग छोटे-छोटे बच्चे को गोद में लेकर आशा कार्यकर्ताओं से अस्पताल में प्रवेश करने की आरजू विनती करते रहे.
लेकिन आशा कार्यकर्ताओं ने एक भी मरीज को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया.इसके बाद मरीजों के सब्र का बांध भी टूट गया और आशा कार्यकर्ताओं से धक्का-मुक्की करने लगे. इस दौरान आशा कार्यकर्ता और अंग्रेजों के बीच झड़प भी हो गई. मरीजों ने कई आशा कार्यकर्ताओं को धक्का देकर जमीन पर गिराते हुए अस्पताल में प्रवेश कर गए.वही इस मामले पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर फैजल अरशद ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन बिल्कुल आमानवीय है.
मांगों को उचित प्रदर्शन के माध्यम से भी सरकार के समक्ष उठाए जा सकती है.हालांकि प्रभारी द्वारा मामले की जानकारी देने पर राज्य स्वास्थ्य कर्मी संघ के जिला मंत्री अनिल कुमार के आदेश पर आशा कार्यकर्ता पीछे हट गई. गौरतलब हो कि प्रोत्साहन राशि के बदले ₹18000 प्रति माह वेतन देने,कोरोना काल के दौरान किए गए कार्यों का प्रोत्साहन राशि देने सहित अन्य मांगों को लेकर राज्य भर में आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं