किसानों ने जिला प्रशासन पर लगाया मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप..रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को लेकर विवाद गहराया

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Barbigha:-रेलवे द्वारा बरबीघा नगर क्षेत्र के नारायणपुर मौजा में अधिग्रहित किए गए भूमि के उचित मुआवजे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है.दरअसल इस बार किसानों की गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन ने लगभग 20 किसान के ऊपर धारा 107 लगा दिया है.प्रशासन की इस कार्रवाई को किसानों ने मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाला कदम बताया है.मामले को लेकर बुधवार को एक निजी सभागार में बैठक करके किसानों ने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है.

किसान रंजीत कुमार, दरोगी प्रसाद, विक्की कुमार, राजेश कुमार उर्फ भोला,धर्मेंद्र प्रसाद आदि ने कहा कि अधिग्रहित भूमि का उचित भुगतान किए बगैर जमीन पर किसी प्रकार का कोई कार्य होने नहीं देंगे.भले ही इसके लिए किसानों को अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े.किसानों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन जमीन का उचित मूल्य निर्धारण में किसानों की सहायता करने की बजाय किसानों को दबाने की कोशिश कर रही है.



26 जुलाई को बीस किसानों के ऊपर धारा 107 लगा दिया गया है.एक सप्ताह के अंदर अनुमंडल कोर्ट में उपस्थित होने के लिए किसानों को तीन बार नोटिस दिया गया जा चुका है. अब तक किसान 28 और 31 जुलाई के अलावा 1 अगस्त को अनुमंडल कोर्ट में उपस्थित हो चुके हैं.किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन के इस रवैया से किसान मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं.जिला प्रशासन चाहे जितना हथकंडा अपना ले लेकिन बिना उचित मूल्य भुगतान के एक भी किसान अपना जमीन रेलवे को नहीं देंगे.

गौरतलब हो कि शेखपुरा से दनियावां-बिहटा रेलवे लाइन के निर्माण हेतु नारायणपुर मौजा में सैकड़ों किसानों का जमीन रेलवे द्वारा अधिग्रहित किया गया है.उक्त अधिग्रहित भूमि के उचित मूल्य निर्धारण को लेकर किसान और जिला प्रशासन कई बार बैठक कर चुके हैं. लेकिन हर बार बैठक बेनतीजा ही रहा है.वर्तमान में रेट निर्धारण को लेकर मामला मुंगेर के लारा कोर्ट में चल रहा है. जिला प्रशासन चाहता है कि जब तक फैसला नहीं आता तब तक अधिग्रहित भूमि का कम से कम नापी हो जाए.

लेकिन किसान बिना उचित मूल्य निर्धारण के जमीन पर किसी भी प्रकार का कार्य होने देना नहीं चाहते हैं. किसानों के विरोधी रवैया को देखते हुए जिला प्रशासन ने कुछ चुनिंदा किसानों पर धारा 107 के तहत कार्यवाई भी किया है. इस कार्रवाई के बाद किसान और भड़क उठे हैं. किसानों ने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे लोग सड़क पर बैठकर भूख हड़ताल भी करेंगे

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