Barbigha:- पांच दिनों तक चलने वाले बरबीघा के प्रसिद्ध विष्णु धाम महोत्सव कल (गुरुवार) से शुरू हो जाएगा. महोत्सव का उद्घाटन शेखपुरा की जिलाधिकारी जे प्रियदर्शनी करेंगी. उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और विधान परिषद सदस्य सह जदयू के पूर्व मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार शामिल होंगे.वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह, शेखपुरा के पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा सहित कई वरिष्ठ डॉक्टर और जिले के बड़े पदाधिकारी शामिल होंगे.बताते चलें कि जुलाई 1992 में गांव में स्थित तालाब खुदाई के दौरान पलकालीन भगवान विष्णु की स्थानिक मुद्रा में देश की सबसे बड़ी मूर्ति निकली थी.
मूर्ति निकलने के बाद यहां देश प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी के तर्ज पर मंदिर बनाने का प्रयास लगातार जारी है. यही नहीं विष्णु धाम मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बन चुका है.यही नहीं बिहार सरकार ने विष्णु धाम मंदिर को पर्यटन के रूप में विकसित करने का भी पहल शुरू कर दिया है. बिहार राज्य के कोने-कोने से लोग यहां पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच रहे हैं.महोत्सव के दौरान पांच दिनों तक यहां भारी भीड़ लगी रहती है.देश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी के मंदिर के जैसा ही फेमस में भव्य विष्णु धाम मंदिर बनाने को लेकर लगातार प्रयास जारी है.
मंदिर में भगवान विष्णु की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा विराजमान
बरबीघा प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर सामस गांव में स्थित विष्णु धाम मंदिर में भगवान विष्णु की सात फीट छह इंच ऊंची तथा साढे तीन फीट चौड़ी भव्य प्रतिमा स्थापित है. भगवान विष्णु की यह प्रतिमा स्थानिक मुद्रा में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है. देश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी में भी केवल सात फीट की ही भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है.सामस में स्थित भगवान विष्णु के प्रतिमा के चार हाथों में क्रमशः शंख, चक्र, गदा तथा पद्यम स्थित है. मंदिर समिति से जुड़े लोगों ने बताया कि प्रतिमा के ऊपर देवनागरी लिपि में अभिलेख “ॐ उत्कीर्ण सूत्रधारसितदेवः” लिखा हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की लिपि उत्तर भारत में नौवीं सदी के बाद देखने को मिलती है.
तालाब खुदाई में मिली विष्णु की प्रतिमा
भगवान विष्णु की प्राप्त यह दुर्लभ मूर्ति जुलाई 1992 में गांव में चल रहे तालाब खुदाई के दौरान मिली थी. भगवान विष्णु की मूर्ति के दाएं व बाये दो और छोटी मूर्तियां हैं. यह स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है कि यह मूर्तियां शिव पार्वती की है यह शेषनाग और उनकी पत्नी की है. दूसरी तरफ आज से लगभग सात वर्ष पहले गांव में सड़क निर्माण के दौरान हुई खुदाई के क्रम में माता लक्ष्मी की प्रतिमा भी पाई गई थी. माता लक्ष्मी की प्रतिमा भी विष्णु धाम मंदिर में ही स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही है.
डेढ़ दशक से हो रहा महोत्सव का आयोजन
प्रतिमा मिलने के बाद व्यापक पैमाने पर अर्बन की लागत से मंदिर बनाने का सिलसिला पिछले कई वर्षों से लगातार जारी है. यही नहीं वर्ष 2007 से लगातार यहां हर साल पांच दिवसीय महोत्सव का भी आयोजन किया जा रहा है.बिहार ही नहीं देशभर के कई जानी-मानी हस्ती महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं. महोत्सव को सफल बनाने में मंदिर समिति से जुड़े लोगों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों की भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है.