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Barbigha:-नगर परिषद बरबीघा द्वारा शनिवार को एक बार फिर से बरबीघा में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया.फुटपाथ पर छोटे-मोटे दुकान लगाने के अलावा ठेलो पर फल सब्जी बेचकर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले फुटपाथी दुकानदारों को दुकान हटाने का फरमान भी जारी कर दिया गया है. अपनी आजीविका को लेकर दुकानदार एक बार फिर से दहशत में है.जाए तो कहां जाएं?करें तो क्या करें? इस बात की चिंता एक बार फिर से दुकानदार को खाए जा रही है.
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क्योकि नगर परिषद बरबीघा द्वारा एक बार फिर से दुकानदारों के लिए कोई ठोस व्यवस्था किए हुए ही कानून का डंडा चला दिया.कुछ दुकानदारो पर कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित सामान रखने के लिए जुर्माना भी वसूल किया गया है.कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार ने खुद घूम-घूम कर सड़क पर दुकान लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई का फरमान जारी किया है. दुकानदार को कार्रवाई की चिंता रात भर सोने नहीं दे रही है.
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कौन समझेगा फुटपाथियों का दर्द
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नगर परिषद बरबीघा द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर की जाने वाली कार्रवाई को दुकानदारों ने अत्याचार बताया है.उन्होंने कहा की नगर परिषद के द्वारा फुटपाथी दुकानदारों पर कई बार करवाई किया जा चुका है.लेकिन फुटफाथी दुकानदारों से टैक्स बसूलने वाली नगर परिषद आज तक हमसबों के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं कर सकी है. हां जब मन करता है नप पुलिस बल लेकर हमलोगों पर कानूनी रौब जरूर झाड़ देती है.कभी भी नगर परिषद ने फुटफ़ाथी दुकानदारों का दर्द समझना जरूरी नहीं समझा. हर बार दुकानदारों का दर्द समझे बगैर अखबार में भी नगर परिषद की कार्यवाई की बहादुरी के खिस्से सुर्खी बन जाती है.
फुटपाथी दुकानदारों से हो रही अवैध वसूली
दुकानदारो ने बताया कि फुटपाथी और ठेला पर फल और सब्जी बेचने वालों पर नगर परिषद भले ही अतिक्रमण कारण हटाने के नाम पर कार्रवाई कर ले. अगर हम लोगों के दुकान से अतिक्रमण होता है तो फिर नगर परिषद द्वारा ही हर साल टेंडर क्यो निकाला जाता है.नगर परिषद के बाद ठेकेदार भी हम दुकानदारों का खून चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.रोजाना निर्धारित मूल्य से अधिक राशि दुकानदारों से वसूल की जाती है.निरीह दुकानदार अधिक पैसा भी देते हैं,और नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर किए जाने वाले जुल्म का शिकार भी हो जाते हैं.
नगर परिषद के पास ठोस प्लेन का अभाव
दुकानदारो ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में अनगिनत बार हमलोगों के खिलाफ अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया है.टैक्स देने के बावजूद नगर परिषद वाले बुलडोजर लेकर दुकानदारों को सड़क पर से हटा देते हैं.लेकिन हम दुकानदारों के लिए कोई ठोस व्यवस्था आजतक नहीं किया गया है.पापी पेट के कारण हर बार हमलोग अपनी अपनी दुकान लगा ही लेते हैं. अगर दुकान नहीं लगाएंगे तो हम लोगों का बाल बच्चा भूखे मर जाएगा.
अतिक्रमण हटाने के बाद दुकानदारों के लिए व्यवस्था करने की बजाय महीनो तक चिर निद्रा में सोने के बाद फिर से नगर परिषद की नींद जागती है और बुलडोजर हावी हो जाता है. ठोस प्लान के अभाव के कारण बेचारे फुटपाथ पर के दुकानदार कुव्यवस्था में पीसकर रह जाते हैं. दुकानदारों ने कहा कि हम लोग जो टैक्स देते हैं उस पैसे से हम लोगों को मंडी बनाकर क्यों नहीं दिया जा रहा है? अगर हम लोग गलत जगह दुकान चला रहे हैं तो फिर हम लोगों से टैक्स क्यों लिया जा रहा है. फुटपाथ की दुकानदारों के इन सवालों का जवाब शायद ही नगर परिषद वालों के पास होगा. हालांकि उम्मीद जरूर होगी कि जल्द ही ऐसे दुकानदारों जिनका जीवकोपार्जन का साधन छोटी-मोटी फल और सब्जी की दुकान है उनके लिए कोई ठोस व्यवस्था जरूर करेगी.