बरबीघा में दो करोड़ के हुए सोना की लूट का हुआ खुलासा..नीरज कुमार उर्फ वांटेड के साथ बैंक के मैनेजर और सहायक मैनेजर ने बनाई थी योजना..जेबरात के साथ बैंक मैनेजर रंगे हाथ गिरफ्तार

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Barbigha:-बरबीघा नगर क्षेत्र के हटिया मोड़ के निकट सोमवार की दोपहर में आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस गोल्ड लोंन बैंक में हथियार बंद अपराधियों द्वारा लूट की घटना का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने लूटा गया सोना को बरामद कर लिया. लूट का सारा माल आशीर्वाद माइक्रोफाइनेंस गोल्ड लोन बैंक के मैनेजर कृष्ण मुरारी के बरबीघा नगर क्षेत्र में ही स्थित एक किराए के मकान से बरामद किया गया.

यह बरामदगी सहायक मैनेजर विकास कुमार की निशानदेही पर हुई है. इस मामले का खुलासा एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बृहस्पतिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर किया. उन्होंने कहा कि लूट की योजना एक सप्ताह पहले बैंक मैनेजर और सहायक बैंक मैनेजर दोनों ने मिलकर पटना जिले के बख्तियारपुर स्थित एक मे बनाई थी. इसमें पटना जिला के बख्तियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बढ़ियापुर गांव निवासी गौरी राय के पुत्र नीरज कुमार उर्फ वांटेड के साथ आधा दर्जन लोगों को शामिल किया गया था.



नीरज कुमार उर्फ वांटेड के द्वारा ही घटना में शामिल सभी अपराधियों को इकट्ठा कर हथियार की व्यवस्था भी की गई थी. घटना के दिन लूट कांड को अंजाम देने से पहले मुख्य शाखा प्रबंधक कृष्ण मुरारी नालंदा जिला के सारे थाना क्षेत्र अंतर्गत बेनार मोड पर भी अपराधियों से मिला था.अपराधियों को बैंक की सुरक्षा,लॉकर की स्थिति और उपस्थित कर्मचारियों की संख्या भी पहले से ही बता दी गई थी. लूट के दौरान सहायक शाखा प्रबंधक विकास कुमार को अपराधियों ने महज इसलिए पीटा था कि पुलिस को उसपर किसी प्रकार का कोई शक नहीं हो.

आखिरकार टावर लोकेशन मोबाइल डिटेल्स और मनोवैज्ञानिक दवाब बनाकर पुलिस ने दोनों से इस डकैती का राज उगलवा कर मामले का पटाक्षेप कर दिया. गिरफ्तार अपराधी की पहचान पटना जिला के मराची थाना क्षेत्र अंतर्गत नौरंगा जमालपुर गांव निवासी जितेंद्र प्रसाद के पुत्र तथा मुख्य ब्रांच मैनेजर कृष्ण मुरारी जबकि पटना जिला के ही बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के नया टोला राघोपुर गांव निवासी रामसरेख राय का पुत्र सहायक ब्रांच मैनेजर विकास कुमार के रूप में किया गया है. इसके अलावा घटना में शामिल सात अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस छापेमारी कर रही है.

घटना से पहले सहायक ब्रांच मैनेजर को किया था मैसेज

घटना के दिन मुख्य ब्रांच मैनेजर कृष्ण मुरारी सुबह 8:30 बजे ही बैंक पहुंच गया था.इसके बाद वह गोपालगंज जिले के मीरगंज ब्रांच का विजिट करने का बहाना बनाकर एक स्टाफ सौरभ कुमार का मोटरसाइकिल लेकर निकल पड़ा. गोपालगंज ना जाकर वह नालंदा जिला के सारे थाना क्षेत्र अंतर्गत बेनार मोड पर रुककर पहले अपराधियों से मिला. बैंक की स्थिति से आबगत कराते हुए इसके बाद उसने सहायक ब्रांच मैनेजर विकास को मैसेज किया था.इसके बाद पूर्व से बनाए गए योजना के अनुसार घटना कौ अंजाम दिया गया.

गिरफ्तार अपराधियों को एसपी कार्यालय ले जाते पुलिसकर्मी

 

चोरी की मोटरसाइकिल से सात की संख्या में आए थे अपराधी

घटना को अंजाम देने के लिए चोरी के मोटरसाइकिल से नीरज कुमार उर्फ वांटेड की अगुवाई में सात की संख्या में अपराधी बैंक पहुंचे थे. इसमें से दो बाहर रहकर स्थिति पर नजर रख रहा था जबकि पांच ने बैंक में घुसकर महज तीन मिनट में सुनयोजित तरीके से दो करोड़ का सोना और दो लाख रुपये नगद लूट की घटना को अंजाम दे दिया. घटना के बाद मुख्य ब्रांच मैनेजर कृष्ण मुरारी के घर से लूटे गए जेवरात जबकि नीरज उर्फ वांटेड के घर से चोरी का मोटरसाइकिल बरामद किया गया.

बरामद मोटरसाइकिल

 

तीन महीने बाद महाराष्ट्र में बेचा जाना था लूट सोना

एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अपराधियों ने पूछताछ के दौरान कबूल किया की लूट गए सोने को 3 महीने के बाद महाराष्ट्र में बेचा जाना था. मुख्य ब्रांच मैनेजर ने बताया कि हमलोग कंपनी द्वारा नौकरी से निकल जाने का इंतजार कर रहे थे. 3 महीने के अंदर नौकरी से निकालने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सोना को महाराष्ट्र में बेचकर सभी के बीच हिस्से का बंटवारा किया जाता. कृष्ण मुरारी ने बड़े व्यापार की स्थापना के लिए इस तरह की लूट कांड की योजना तैयार किया था.

कांड के उद्वेदन में एसटीएफ और जिला पुलिस की रही सराहनीय भूमिका

पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि इस कांड के उद्वेदन में पटना से गठित एसटीएफ की विशेष टीम के साथ-साथ जिले के कई तेज तर्रार पुलिस पदाधिकारी की भूमिका काफी अहम रही. उन्होंने बताया कि कांड के उद्वेदन में पुलिस निरीक्षक तथा जिला तकनीकी शाखा के पदाधिकारी राजकुमार, बरबीघा थाना के पुलिस निरीक्षक नवीन कुमार सिंह जिला तकनीकी शाखा के सिपाही रितेश कुमार, पवन कुमार, संजीव राणा, मनोज कुमार, जितेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक का अंगरक्षक अमित कुमार, आलोक आनंद झा, तथा राजेश कुमार साव की काफी सराहनीय भूमिका रही. उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी को पुरस्कार करने के लिए डीआईजी के पास अनुशंसा पत्र भेजा जाएगा.

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