बाल विवाह और बाल श्रम रोकने को लेकर हो रहा अभूतपूर्व काम.अब तक हज़ारो लोगों ने बाल विवाह नहीं करने का लिया शपथ

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Barbigha:- कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के साथ मिलकर एनिमल एंड ह्यूमन डेवलपमेंट सोशल वेलफेयर सोसाइटी जिले में बाल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम कर रही है. एक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम के तहत तीन मुख्य बिंदु पर जिले के नौनिहालों को सवारने के लिए काम किया जा रहा है.एनिमल एंड ह्यूमन डेवलपमेंट सोशल वेलफेयर सोसाइटी के सेक्रेटरी डॉ विनोद कुमार की अगुवाई में एक टीम बनाकर बाल विवाह से आजादी, बाल श्रम से मुक्ति एवं बाल यौन हिंसा का रोकथाम पर जन जागरूकता अभियान का संचालन किया जा है.

अभी तक शेखपुरा में बाल विवाह से आजादी के लिए तकरीबन 75 हजार लोगों को शपथ दिलाया जा चुका है.वहीं बाल श्रमिकों को मुख्य धारा में लाने के लिए बाल संरक्षण इकाई एवं श्रम विभाग की मदद से तकरीबन 40 बच्चों को अलग अलग जगहों से बाल श्रमिकों को मुक्त कराया जा चुका है.यौन हिंसा से पीड़ित बच्चों को न्याय दिलाने के लिए भी लगातार संबंधित विभाग से मिलकर 50 पॉस्को के मामले में काम किया जा रहा है.



इस मामले में डॉ विनोद कुमार का कहना है कि हम और हमारी संस्था लगातार बेहतर समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. बहुत सारे मामले में हमारा काम काफी सराहनीय है लेकिन कुछ मामले में पूरा सहयोग नहीं मिलने के कारण हम पिछड़ रहे हैं.यौन हिंसा के मामले में त्वरित निपटारा के लिए पदाधिकारी का सहयोग बहुत जरूरी हो जाता है. लेकिन इस तरह के 150 से अधिक मामले अभी तक पेंडिग है. बिहार में बाल विवाह एक प्रमुख सामाजिक समस्या के रूप में चिन्हित की गई है. गरीबी बाल विवाह का मुख्य कारक मानी जा रही है.

आकड़ों की बात करे तो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार बिहार में 39.1 फिसदी लड़कियों का बाल विवाह 18 वर्ष से पहले हो जाता है.रिपोर्ट की माने तो यूपी-बिहार में सबसे ज्यादा बाल मजदूर है.उत्तर प्रदेश में 21.5 फीसदी यानी 21.80 लाख और बिहार में 10.7 फीसदी यानी 10.9 लाख बाल मजदूर हैं. डॉ विनोद कुमार ने कहा कि समाज के इस कुरीति को जन प्रतिनिधियों समाजसेवियों को पदाधिकारी के सहयोग से ही समाप्त किया जा सकता है.

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