Barbigha:-जिले बरबीघा प्रखंड प्रमुख विनोद राम के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज हो गया. प्रखंड प्रमुख के आदेश पर शुक्रवार को बुलाई गई विशेष बैठक में प्रमुख सहित सभी पंचायत समिति सदस्य गायब रहे. इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि अनुमंडल अधिकारी के निर्देश पर मजिस्ट्रेट की तैनाती में सुबह 11:00 से ही बैठक शुरू कर दी गई थी. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था. लेकिन निर्धारित समय तक एक भी पंचायत समिति सदस्य बैठक में शामिल नहीं हो सके.
इसके बाद दोपहर 2:00 बजे के उपरांत अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया.वही अंदर खाने से मिल रही खबर के मुताबिक उपप्रमुख के साथ सभी सदस्यों ने आपसी में सहमति बनाते हुए वर्तमान प्रखंड प्रमुख विनोद राम को ही पद पर बनाए रखने का फैसला लिया है.शुक्रवार को यह खबर जैसे ही सुर्खियों में आई सभी राजनीतिक पंडित अचंभित रह गए. उप प्रमुख ने एन वक्त पर प्रखंड प्रमुख विनोद राम को अपने पाले में मिलाकर सभी राजनीज्ञ को धूल चटा दिया. आशा के विपरीत परिणाम आने से सभी लोग काफी अचंभित है.उप प्रमुख द्वारा खेले गए इस खेल को अच्छे-अच्छे नहीं समझ सके
गौरतलब हो कि यह अविश्वास प्रस्ताव उप प्रमुख धीरज कुमार के द्वारा लाई गई थी.उप प्रमुख धीरज कुमार के साथ-साथ कुल नौ पंचायत समिति सदस्य प्रखंड प्रमुख विनोद राम के खिलाफ थे.उप प्रमुख के अलावा तेउस पंचायत के पंचायत समिति सदस्य मिंटू कुमार, जगदीशपुर की सावित्री देवी, पाक के सकेन्द्र प्रसाद, केवटी के सरिता देवी, पिंजड़ी पंचायत की पंचायत समिति सदस्य अंजुला देवी मालदह के दोनों पंचायत समिति सदस्य पूनम देवी और अवधेश पासवान के साथ-साथ सामस बुजुर्ग के खुशबू देवी का भी हस्ताक्षर थाप्रखंड प्रमुख विनोद राम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा ने ही पूरे बरबीघा के राजनीति को गर्मा दिया था.
उधर कुर्सी जाने के डर से प्रखंड प्रमुख विनोद राम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन समय अवधि समाप्त होने से पहले इस्तीफा वापस लेने के बाद ही उनके खिलाफ उसी दिन शाम में विश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन भी दे दिया गया था. राजनीतिक गलियारे में हो रही चर्चाओं के अनुसार उप प्रमुख धीरज कुमार ने अपने इस राजनीतिक दांव पेच से सभी अचंभित कर दिया है.