Barbigha:-रेलवे द्वारा बरबीघा के नारायणपुर मौजा में अधिकृत किये गए जमीन को लेकर चल रहे विवाद की विशेष सुनवाई अब अंतिम दौर में पहुंच गया है.आज मुंगेर के लारा कोर्ट में इस संबंध में अंतिम फैसला आना है. किसानों से लेकर आम जनता की निगाहें लारा कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले फैसले पर टिकी हुई है.इधर किसान पिछले डेढ़ महीने से लगातार धरना पर बैठे हुए हैं.
धरना दे रहे किसानों में से रंजीत कुमार,भोला प्रसाद,विष्णुदेव प्रसाद आर्य इत्यादि ने बताया कि उचित मुआवजे की मांग को लेकर पिछले एक दशक से चल रही लड़ाई का आज सुखद अंत होने की संभावना है. बताते चले कि शेखपुरा से बरबीघा होते हुए बिहार शरीफ,दनियावां के रास्ते पटना के नेउरा तक बनने वाले रेलवे लाइन के लिए बरबीघा में 288 किसानों का लगभग 44 एकड़ भूमि अधिग्रहित किया गया है. लगभग एक दशक पहले अधिकृत किए गए इस भूमि का पहले कृषि भूमि घोषित कर किसानों को मुआवजा दिया जा रहा था.
इसके बाद किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर मामले को हाईकोर्ट लेकर गए थे.हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन और रेलवे को एक जनवरी 2014 के अधिकतम बाजार मूल्य के हिसाब से भुगतान करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद तत्कालीन डीएम इनायत खान ने सिक्स मैन कमेटी का गठन कर जमीन की प्रकृति तय करने के लिए जांच करवाया था. जांच के नाम पर यह मामला काफी दिनों तक चलता रहा.पुनः जब किसान कोर्ट की अवमानना को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया.
तब इसकी विशेष सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के निर्देश पर मुंगेर के लारा कोर्ट में मामले को ट्रांसफर कर दिया गया. मुंगेर के लारा कोर्ट में भी जिला प्रशासन द्वारा कथित तौर पर जमकर दांव पेच खेला गया. कागजों में उलझा कर मामले को काफी लंबा खींच लिया गया. कोर्ट में फैसला आने से पहले ही केंद्र के दबाव के बाद वर्तमान डीएम जे. प्रियदर्शनी ने बीते 23 दिसंबर से पुलिस बल की तैनाती कर रेलवे लाइन पर मिटटी भराई का कार्य शुरू करवा दिया.तब से किसान लगातार अनिश्चितकालीन धरना खेतों में बैठकर ही दे रहे हैं. इस दौरान ठंड लगने की वजह से दो किसान गीता देवी और रवि सिंह की मौत भी हो चुकी है.
दो किसाने की मौत के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी मामले में हस्तक्षेप किया. उनके पहल पर कोर्ट में सारे कागजात को जिला प्रशासन द्वारा मजबूर होकर भेजना पड़ा. खुद लारा कोर्ट के जज स्थल निरीक्षण करने पहुंच गए.अब आज मामले की जब सुनवाई होगी तब उम्मीद की जा रही कि किसानों के हक में फैसला दिया जाएगा. किसाने की आंदोलन में स्थानीय समाजसेवी संतोष कुमार शंकु, क्रांतिकारी नेता कन्हैया कुमार बादल आप पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मउदय कुमार, चंद्रभूषण कुशवाहा, राकेश रंजन विधायक सुदर्शन कुमार सांसद चंदन सहित कई समाजसेवी और नेताओं ने भी अपना सहयोग दिया था.