Desk:-बिहार में एनडीए के अंदर सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाने के लिए अब कवायद तेज हो गई है. सियासी जानकारों का मानना है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर सीट बंटवारे को लेकर फाइनल राउंड की चर्चा की जा सकती है. शाह आगामी 9 मार्च को बिहार आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले उनकी बिहार बीजेपी नेताओं के साथ एक बैठक होनी है. अपने बिहार दौरे पर शाह गठबंधन के घटक दलों के नेताओं के साथ भी बैठक कर सकते हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों से चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की दूरी ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. खुद को ‘मोदी का हनुमान’ कहने वाले चिराग जब प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में नहीं पहुंचे तो बीजेपी नेता भी अचंभित रह गए. सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी कि अगर बीजेपी ने अबकी बार भी चिराग को तवज्जो नहीं दी तो वह बगावत कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, चिराग की प्रेशर पॉलिटिक्स काम आ रही है.
चिराग को भविष्य का नेता मानते हुए बीजेपी अब उनका समर्थन कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के रणनीतिकारों ने चाचा-भतीजे के लिए जो समझौता प्रस्ताव तैयार किया है, मुमकिन है कि उस पर पशुपति और चिराग दोनों राजी हो जाएं.सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की ओर से हाजीपुर सीट चिराग पासवान को मिल सकती है. रामविलास पासवान के बेटे होने के नाते उन्हें सहानुभूति वोट भी मिल सकता है. वहीं पशुपति को समस्तीपुर सीट मिल सकती है. पारस के लिए समस्तीपुर कोई अनजान सीट भी नहीं है.
समस्तीपुर से पशुपति पारस हमेशा अपने भाई रामचंद्र पासवान के लिए रणनीतिकार की भूमिका में निभाते रहे हैं. अब सवाल ये है कि समस्तीपुर के मौजूदा सांसद और पशुपति पारस के दूसरे भतीजे प्रिंस राज पासवान का क्या होगा. बीजेपी के पास इसका भी समाधान है. चर्चा ये है कि प्रिंस राज को बीजेपी अपने कोटे से एमएलसी बनाने जा रही है. इसके साथ ही उन्हें नीतीश सरकार में मंत्री पद भी देने की बात चल रही है. इस तरह से रामविलास पासवान के परिवार के सभी लोगों को सेट कर दिया जाएगा.