कैंसर से हो गई मां की मौ-त फिर भी नहीं मानी हार..सफल लड़की नेहा और नीतू की कहानी

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Barbigha:-यह कहानी बिहार पुलिस में सफल होने वाली नेहा कुमारी की है.छः बहनों में सबसे छोटी नेहा कुमारी बरबीघा प्रखंड के देलहवा गांव निवासी चर्चिल सिंह की पुत्री है.नेहा को कोई भाई नहीं है.उसके पिता ने बेटियों को ही बेटा मानकर पढ़ाना लिखाना शुरू किया था.वर्ष 2013 में मां की  कैंसर के कारण आकस्मिक मृत्यु से पूरा परिवार बिखर गया था.लेकिन नेहा ने हार मानने की बजाय परिस्थितियों से लड़ना जारी रखा.

सबसे पहले नेहा ने एथलेटिक्स में करियर बनाकर सफलता अर्जित करना चाहा.इस दौरान उनकी मुलाकात कई बेटियों को सफलता की राह पर पहुंचा चुके खेल प्रशिक्षक प्रमोद सर से हुई. 1500 और 3000 मीटर के दौड़ में अपना कैरियर बनाना चाहा लेकिन वहां सफलता नहीं मिल सकी. जब सफलता नहीं मिली तब जनरल कंपटीशन की तैयारी में जुट गई. घर के सभी कार्यों को करते हुए अपना पढ़ाई जारी रखा और आखिरकार नेहा ने वर्ष 2021 में बिहार पुलिस में सफलता अर्जित कर अपने पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया.



आज वह गांव की लड़कियों के लिए आइकॉन बनी हुई है.नेहा बताती है कि इस दौरान उन्हें बहुत सारे मानसिक और सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ा. उसके पिता चंचल सिंह ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज उन्हें नेहा कुमारी जैसी बेटी का पिता होने पर गर्व है.नेहा ने साबित कर दिया कि एक पिता को बेटी भी सारी खुशियां दे सकती है.

मजदूर बाप की बेटी ने भी सफलता किया अर्जित

आठ भाई बहनों में तीसरे नंबर पर नीतू कुमारी की यह कहानी आपको काफी प्रेरित करेगी. वर्ष 2022 में बिहार पुलिस में सफल होने वाली नीतू कुमारी के माता-पिता दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं. बचपन  काभी अभाव में गुजारा लेकिन हार नहीं मानी. नीतू कुमारी ने भी पहले एथलेटिक्स के माध्यम से अपना कैरियर बनाना चाहा लेकिन सफल नहीं हो पाई. रोज सुबह जब वह कॉलेज दौड़ने के लिए निकलती तो लोग उस पर हंसते.

माता-पिता को भी काफी समाजिक ताना बाना का सामना करना पड़ा. लेकिन नीतू कुमारी इससे घबराए बगैर सफलता के लिए निरंतर प्रयास करती रही. आखिरकार जनरल कंपटीशन के माध्यम से वर्ष 2022 में उसने बिहार पुलिस में सफल होकर सफलता के झंडा गाड़ दिए. वर्तमान में वह बक्सर के डुमरांव में पदस्थापित है

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