Navada:-लोजपा और भाजपा के बीच नवादा लोकसभा सीट को लेकर चल रही खींचतान रविवार की देर संध्या आखिरी चरण में पहुंच गई. नवादा लोकसभा सीट से भाजपा ने आखिरकार चुनाव लड़ने का फैसला लगभग कर लिया है. पटना के एक बड़े नेता के चुनाव लड़ने की तैयारी लगभग पूर्ण कर ली गई है.
दरअसल लोजपा रामविलास खेमे द्वारा नवादा लोकसभा चुनाव में कैंडिडेट देने की सुगबुगाहट मात्र से पशुपति पारस गुट के कई नेता खासे नाराज हो गए थे. सूरजभान सिंह ने नवादा लोकसभा सीट पर मजबूती से दावा ठोका था. जिसका परिणाम हुआ कि पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान कर दिया था कि वे सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे. परिणाम यह हुआ कि अमित शाह को नवादा लोकसभा को लेकर फिर से सोचने के लिए मजबूर होना पड़ गया.
दिल्ली सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक अब अमित शाह ने नवादा लोकसभा का चुनाव खुद लड़ने का फैसला कर लिया है.भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को चुनाव लड़ने की लगभग हरी झंडी मिल चुकी है. फिलहाल विवेक ठाकुर राज्यसभा सांसद है.उनका अभी 2 साल का लगभग कार्यकाल बचा हुआ था. इसके बावजूद वे टिकट लेने के लिए जी जान से पार्टी के पीछे पड़े हुए थे.
इस रेस में भाजपा की प्रदेश नेत्री डॉक्टर पूनम शर्मा हिसुआ के पूर्व विधायक अनिल सिंह भोजपुरी तथा मगही के गायक गुंजन सिंह, भाजपा की तीन बार विधायक रही वारसलीगंज से विधायक अरुणा देवी सहित कई दावेदार भी शामिल थे.बड़े स्तर पर इस बार नवादा लोकसभा के ही किसी व्यक्ति को टिकट देने की लगातार मांग भी हो रही थी. इसके बावजूद पार्टी ने एक बार फिर से नवादा के बाहर के उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए लगभग टिकट फाइनल कर दिया है.
हालांकि विवेक ठाकुर के टिकट फाइनल होने की खबर आने के ठीक पहले वारसलीगंज में एक बहुत बड़ा बैठक भाजपा नेता तथा कार्यकर्ताओं की विधायिका अरुणा देवी के आवास पर हुई थी. इस बैठक में पूर्व विधायक अनिल सिंह अखिलेश सरदार सहित कई दिग्गज नेता एक साथ देखे जा सकते हैं. मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष गौतम सिंह ने तो यहां तक ऐलान कर दिया था कि अगर बाहरी को टिकट मिला तो हम लोग पुरजोर विरोध करेंगे. लेकिन बैठक के थोड़ी देर बाद विवेक ठाकुर के नाम की चर्चा ने सभी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.