Barbigha:-शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुटौत गांव की रहने वाली एक बेटी ने बिहार दरोगा में सफल होकर अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे बरबीघा का नाम रौशन किया है.प्रखंड विकास पदाधिकारी रहे दिवंगत पिता स्वर्गीय सीताराम सिंह की पुत्री शांभवी कुमारी ने लंबे संघर्ष के बाद यह सफलता हासिल किया है. विलक्षण प्रतिभा की धनी पांच भाई बहनों में सबसे छोटी शांभवी कुमारी कुमारी ने इससे पहले वर्ष 2016 में भी मेडिकल द्वारा आयोजित नीट
की प्रवेश परीक्षा में सफलता का परचम लहराया था.लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह दाखिला नहीं ले सकी थी.हालांकि शांभवी कुमारी ने हार मानने की बजाय संघर्ष का रास्ता चुना और आखिरकार 7 वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद बिहार दरोगा में सफल होकर यह बता दिया कि बेटियां किसी भी मायनो में बेटों से कम नहीं है.कैंसर जैसी घातक बीमारी के कारण अपनी मां को खोने वाली शांभवी कुमारी ने मां को याद करते हुए बताया कि मेरी मां ने मुझे जीवन में हमेशा अनुशासन
एवं उचित मार्गदर्शन देने का काम किया.मां ने मुझे हमेशा संघर्ष में टूटने की बजाय उससे लड़ने की प्रेरणा दी थी.अगर मेरी मां आज जीवित होती तो वह मेरी सफलता पर बहुत खुश होती. परिवार वालों ने बताया कि एक बार पहले भी बिहार दरोगा में सफल हुई थी लेकिन मेरिट लिस्ट में नहीं आने के कारण सिलेक्शन नहीं हो सका था. हालांकि मां की बातों से प्रेरणा लेकर शांभवी कुमारी का संघर्ष लगातार चलता रहा.
आखिरकार बिहार दरोगा में सफल होकर शांभवी कुमारी ने जाता दिया कि संघर्ष करके कोई भी सफलता अर्जित की जा सकती है. शांभवी की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए उसके भाई आलोक कुमार ने कहा कि आज हमारा भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया है