Barbigha:-जिले के बरबीघा थाना क्षेत्र अंतर्गत वेलाव पंचायत के वीरपुर गांव में दिनदहाड़े डकैती के दौरान 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी गई. घटना के बाद पूरे जिले में सनसनी मच गया.जानकारी मिलते ही बरबीघा थाना अध्यक्ष वैभव कुमार और डीएसपी अरविंद कुमार सिंह दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गए. मृतक महिला की पहचान गांव के ही स्वर्गीय मधुसूदन राम की पत्नी रामरती देवी के रूप में किया गया है.घटना के दौरान महिला का बहू और बेटा बैंक में ड्यूटी कर रहे थे.घर के बच्चे स्कूल गए हुए थे.
बुजुर्ग महिला घर पर अकेली किराना का दुकान चला चला रही थी. इसी का फायदा उठाकर गांव के ही तीन युवक लूटपाट करने के इरादे से दोपहर में सुनसान प्रकार घर में घुस गए. लूटपाट के दौरान महिला ने विरोध किया तो उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई. घटना के दौरान ₹25000 नगद और सोने के जेवरात सहित अन्य सामान लूट लिया गया.वही गांव में घटना की जानकारी फैलते ही काफी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंचकर न्याय की मांग करने लगे.
छोटे पुत्र के साथ रहने वाली मृतक महिला रामरती देवी के दो पुत्र हैं.बड़ा पुत्र संजय प्रसाद गांव के मध्य विद्यालय में शिक्षक है. छोटा पुत्र राजेश कुमार सादिकपुर गांव में संचालित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में कार्यरत है. छोटी बहू निमि गाँव के दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में बैंक मित्र के रूप में काम करती है. घटना के समय छोटा पुत्र राजेश कुमार और बहू रितु देवी बैंक में काम कर रहे थे. राजेश कुमार के दोनों बच्चे बरबीघा स्थित विद्यालय में पढ़ने गए हुए थे.इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने घटना को अंजाम दे दिया.
घटना के बाद मौके पर जांच करने पहुंचे पुलिस के सामने एक प्रत्यक्षदर्शी ने आकर पूरी घटना की जानकारी भी दी है. प्रत्यक्षदर्शी ललित नारायण ने मीडिया कर्मी को बताया कि गाँव मे बिजली कटने के बाद वह घर से निकलकर गली से गुजर रहा था.मृतक रामरती देवी के घर के पास पहुंचने के दौरान उसके किराने की दुकान से कुछ खटपट की आवाज आई. उसने खिड़की से झांक कर देखा तो कुछ लड़के अंडर थे.ललित नारायण को देखकर लड़के छुप गए थे. इसके बाद ललित नारायण महिला के घर के आगे बने पुश्ठा पर ही बैठ गए. थोड़ी देर बाद उन्होंने तीनों युवगों को महिला के घर से बाहर निकलते देखा था.
प्रत्यक्षदर्शी ललित नारायण ने बताया कि मृतक महिला के घर से निकलने के बाद तीनों आरोपी उन्हे पकडकर दूर एक कमरे में ले गए थे.वहां उन्होंने बताया कि लूटपाट के दौरान गलती से उन तीनों के हाथों से रामरती देवी की हत्या हो गई है. उन्होंने कुछ पैसा देते हुए हत्या की बात किसी को नहीं बताने का दबाब भी बनाया था. लेकिन ललित नारायण वहां से निकलकर सारी घटना की जानकारी गांव वालों को दे दी. उसके बाद पूरे गांव में सनसनी मच गई
घटना की जानकारी मिलते ही डीएसपी अरविंद कुमार सिन्हा खुद घटनास्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल में जुट गए.घटना को लेकर उन्होंने बताया कि घर वालों के द्वारा डकैती की दौरान हत्या की बात बताई जा रही है.हालांकि यह मामला दुकान से खरीदारी के दौरान लेनदेन को लेकर या फिर पुरानी दुश्मनी को लेकर भी जुड़ा हो सकता है.पुलिस मामले की सभी बिंदुओं पर घंटा से जांच पड़ताल कर रही है. ग्रामीणों के बयान के आधार पर फिलहाल दो आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. घटना में शामिल एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.पकड़े गए आरोपियो में से गांव के ही गौरी सिंह का पुत्र सूरज कुमार और उपेंद्र राम का पुत्र रिकी कुमार है. जबकि फरार आरोपी गांव के रणजीत सिंह का पुत्र विश्वजीत कुमार बताया जा रहा है.