बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री को भारत रत्न दिलाने के लिए पैतृक गांव से पटना तक निकाली गई पदयात्रा

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Barbigha:-आधुनिक बिहार के निर्माता कहे जाने वाले राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री रहे डॉ श्री कृष्ण सिंह को भारत रत्न दिलाने के लिए पदयात्रा शुरू की गई है. सोमवार को यह पदयात्रा उनके पैतृक गांव माउर से निकाली गई. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह और उनके पुत्र डॉ ऋषभ कुमार की अगुवाई में निकाली गई इस पदयात्रा में काफी संख्या में लोग शामिल हुए. पदयात्रा निकालने से पूर्व माउर ग्राम में भव्य कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह के द्वारा बरबीघा नगर क्षेत्र के श्री कृष्ण चौक पर स्थापित उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. इसके बाद गांव में भी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ-साथ गांव के मध्य विद्यालय में स्थित श्री बाबू की पत्नी राम रुचि देवी के प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया गया.इस कार्यक्रम में दूरदराज से आए काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे. मुख्य रूप से युवा नेता परशुराम कुमार, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे महाचंद्र प्रसाद सिंह जैसे लोगों की उपस्थित रही.



कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों का स्वागत डॉक्टर ऋषभ कुमार के द्वारा अंगवस्त्र देकर किया गया. मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि श्री बाबू जैसा मुख्यमंत्री ना तो पहले कभी हुआ और ना कभी आगे होगा.वोट बैंक की राजनीति के चलते श्री बाबू को भारत रत्न जैसे अवार्ड से वंचित कर दिया गया है. राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर श्री बाबू से कमतर औंधा रखने वाले कई लोगों को भारत रत्न दिया जा चुका है.

लेकिन भारत रत्न के सच्चे हकदार भारत माता के सपूत को आज तक भारत रत्न नहीं दिया जाना बेहद चिंता का विषय है.जमींदारी प्रथा का उन्मूलन और दलितों को मंदिर में प्रवेश दिलाकर श्री बाबू ने सामाजिक समरसता का मिसाल कायम किया था.उनके कार्यकाल में बिहार औद्योगिक और आर्थिक रूप से अग्रणी राज्यों में शामिल था. ऐसे महान विभूति को भारत रत्न सम्मान से वंचित रखना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है.

वही डॉक्टर ऋषभ कुमार ने कहा कि श्री बाबू एक सच्चे जन नेता थे.बिहार और बिहार के लोगों के लिए श्री बाबू ने जो किया वह आज तक कोई भी मुख्यमंत्री नहीं कर पाए है. बिहार को आर्थिक और सामाजिक रूप से अग्रणी बनाने में श्री बाबू की निभाई गई भूमिका सदैव याद रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी तो यह झांकी है. अगर इसके बाद भी केंद्र सरकार श्री बाबू के प्रति नहीं सोचती तो बात दिल्ली तक पहुंचेगी.

उन्होंने कहा कि आज पदयात्रा उनके गांव से निकलकर पटना के राज भवन तक जाएगी.अगर इससे भी बात नहीं बनी तो दिल्ली तक आवाज बुलंद किया जाएगा.इस मौके पर हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ डॉ ऋषभ कुमार, डॉ आनंद कुमार, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी गोपाल कुमार, समाजसेवी चिंटू सिंह सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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