IIT-JEE और NEET में सफलता के लिए पटना की नई सनसनी बना नवोदय नॉलेज सिटी..गरीब मेधावी बच्चों को भी मिल रहा डॉक्टर और इंजीनियर बनने का मौका

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Barbigha:-जेईई मेंस परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित हो चुका है.पटना के कई बड़े और नामी कोचिंग संस्थान अपनी सफलता पर इतरा रहे हैं.इसी कड़ी में बेहद कम समय में मध्यम वर्गीय परिवार के बीच अपनी अलग पहचान बना चुका नवोदय नॉलेज सिटी विद्यालय का रिजल्ट भी खूब चर्चा में है.यहां सीमित संसाधनों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का रिजल्ट भी किसी से कम नहीं है. संस्थान इस बार भी आठ छात्रों ने सफलता का परचम लहराया है.

इसमें से सभी ने 90 परसेंटाइल से अधिक अंक प्राप्त किया है. छात्र प्रिंस कुमार 98.85 परसेंटाइल अंक प्राप्त कर अपने विद्यालय का सबसे टॉपर छात्र रहा. इसके अलावा आशीष प्रकाश को 98.5 शुभम कुमार को 98.00 आदित्य शर्मा को 97.8 अनिल कुमार को 97.10 पीयूष कुमार को 96.59 प्रियांशु कुमार को 92.4 और फातमा तबस्सुम को 94.91 परसेंटाइल अंक हासिल हुआ है.इस संबंध में विद्यालय के शिक्षक मोहन भार्गव ने बताया कि संस्थान से कुल 28 विद्यार्थियों ने परीक्षा दिया था.देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक जेईई मेंस परीक्षा में अंतिम रूप से कुल आठ विद्यार्थी संस्थान से सफल रहे.



पटना के आईपीएस मोड़ स्थित सर गणेश दत्त रोड में संचालित नवोदय नॉलेज सिटी का यह रिजल्ट कई मायनो में अलग है.सभी सफल छात्र मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं.पैसों के अभाव के कारण वे सभी बड़ी कोचिंग संस्थान में नहीं पढ़ सकते थे.लेकिन नवोदय नॉलेज सिटी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और सभी को तराश कर आज उन्हें उनको उनकी मंजिल तक पहुंचा दिया. सफलता पर न केवल विद्यार्थी बल्कि पूरा विद्यालय परिवार और बच्चों के अभिभावक भी खुशियां मना रहे है.

मोहन भार्गव ने बताया कि नवोदय नवोदय सिटी समाज के वैसे बच्चों के लिए प्लेटफार्म तैयार कर रहा है जो प्रतिभावान होते हुए आर्थिक तंगी के कारण अपना मंजिल हासिल नहीं कर पा रहे हैं.संस्थान अब तक नीट में भी कई ऐसे विद्यार्थियों को सफलता दिला चुका, जिन्होंने कभी सपने में भी डॉक्टर बनने के बारे में नहीं सोचा होगा.संस्थान में प्रवेश पाने के लिए विद्यार्थियों का स्कॉलरशिप टेस्ट भी लिया जाता है. यहां आठवीं कक्षा से पढ़ाई शुरू होती है. रेगुलर पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को जेईई मेंस और नीट की तैयारी भी कराई जाती है.

विद्यालय की स्थापना किए हुए मात्र भी 3 वर्ष हुए हैं.जबकि कई छात्र यहां से सफलता के झंडा गाढ़ चुके हैं.एक ही कैंपस के अंदर विद्यार्थियों को रहने खाने और पढ़ाई की सुविधा प्रदान की जाती है. सबसे बड़ी बात यह है कि बहुत ही कम खर्चे पर पटना के नामी गिरामी कोचिंग संस्थानों जैसा ही पढ़ाई दिया जाता है. संस्थान में कुछ ऐसे टैलेंटेड बच्चे भी हैं जिन्हें पढ़ाई के नाम पर ₹1 खर्च नहीं उठाना पड़ता है. ऐसे बच्चों का खर्च विद्यालय परिवार ही वहन करता है. पूछे जाने पर मोहन भार्गव ने बताया कि विद्यालय का मकसद सिर्फ और सिर्फ समाज के गरीब और मेधावी बच्चों को उनके मंजिल तक पहुंचना है. अधिक जानकारी के लिए संपर्क कीजिए 7903370228 पर

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