
Barbigha:-मालदह गांव में कबीर मठ से जुड़े 6 एकड़ 14 डिसमिल जमीन पर कब्जा को लेकर एक बार फिर से विवाद गहरा गया है.कबीर मठ के जमीन पर लगभग 35 वर्षों से कब्जा करने का प्रयास कर रहे ग्रामीण श्याम सिंह ने एक बार फिर से जमीन के ऊपर धारा 144 लगवा दिया है. इस बात का विरोध करते हुए मठ के महंत प्रणव साहब के साथ सैकड़ो ग्रामीणों के द्वारा गुरुवार को अंचल कार्यालय पर धरना भी दिया गया.अंचल अधिकारी गौरव कुमार पर ग्रामीणों ने एसडीओ कोर्ट में गलत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में ग्रामीण अमरकांत सिंह, रंजय कुमार, नवीन कुमार, शैलेंद्र कुमार सिंह सहित अन्य बताया कि ग्रामीण श्याम सिंह के द्वारा एक फर्जी साधु के माध्यम से मठ का जमीन लिखा लिया था.

फर्जी केवाला के आधार पर उसके द्वारा जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया जाता रहा है. जबकि मठ के जमीन का रसीद अभी भी पावापुरी महंथ के नाम से कट रहा है. जमीन कब्जा के विवाद में एक बार हत्या की घटना भी घटित हो चुकी है. पिछले महीने श्याम सिंह के द्वारा फिर से जमीन पर धारा 44 लगवा दी गई. किसी के विरोध में हम सभी ग्रामीण धरना पर बैठे हुए हैं.हालांकि धरना के दौरान अंचल अधिकारी गौरव कुमार ने लोगों को भरोसा दिया कि स्थल पर जाकर उचित जांच प्रतिवेदन भेजा जाएगा. आश्वासन मिलने के बाद लोगों के द्वारा धरना समाप्त किया गया.


वर्ष 1987 में शुरू हुआ विवाद
ग्रामीणों ने बताया कि लोक कल्याण के लिए कबीर मठ के नीव 1850 ई० में रखी गई थी.स्थापना काल के समय ग्रामीणों के द्वारा बहुत सारी जमीन मठ को दान दी गई थी. जिलेभर में स्थापित सभी कबीर मठ पावा गद्दी के महंत के अधीन हुआ करता था.मठो के देखभाल के लिए महंत ही मठाधीश की नियुक्ति करते थे.बर्ष 1986 के मध्य में मालदह कबीर मठ में जुगल दास नामक मठाधीश की नियुक्ति की गई थी. लेकिन गलत आचरण की वजह से 27 जनवरी 1987 को ही उन्हें मठ से निकाल दिया गया. इस बात का फायदा उठाकर गांव के श्याम सिंह के द्वारा 11 मार्च 1987 को मठ की सारी जमीन जुगल दास जी से लिखवा ली गई.वर्तमान में उस जमीन की कीमत लगभग 15 से 20 करोड़ के आसपास बताई जा रही है.

1991 में हुआ खूनी खेल..पांच लोगों को हुई सजा
श्याम सिंह ने जुगलदास जी से जमीन लिखवाने के बाद मठ के जमीन पर दावा करना शुरू कर दिया. उस समय गांव के ही गुंजन सिंह मठ के जमीन पर बतौर बटाईदार फसल उगाया करते थे.विवाद के दौरान वर्ष 28 जुलाई 1991 को गुंजन सिंह की हत्या श्याम सिंह व उनके अन्य भाइयों के द्वारा गोली मार कर कर दी गई. प्राथमिकी होने के बाद सुनवाई के दौरान इस मामले में जिला जज ने 6 जुलाई 1994 को श्याम सिंह,श्यामली सिंह, तनिक सिंह उमेश सिंह और संदेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद सभी लोग हाईकोर्ट चले गए. हाई कोर्ट से वर्ष 1996 में सभी को बेल मिल गई.हालांकि मामला अभी भी हाईकोर्ट में चल रहा है.गुंजन सिंह की हत्या के बाद से यह मामला पिछले 35 वर्षों से ठंडा पड़ा हुआ था. जमीन पर किसी प्रकार का कोई खेती बाड़ी नहीं हो रहा था.
वर्तमान महंत ने खेती किया शुरुआत तब खड़ा हुआ विवाद
मालदह मठ में वर्तमान मठाधीश के तौर पर प्रणव साहब को नियुक्त किया गया है. उनके द्वारा पिछले 3 वर्षों से विवादित जमीन पर खेती की जा रही है. खेती शुरू होने के बाद ही यह विवाद एक बार फिर से चर्चा में आ गया. श्याम सिंह के द्वारा अनुमंडल कोर्ट के माध्यम मार्च 2025 में सभी जमीन पर धारा 144 लगवा दी गई.
अनुमंडल कोर्ट के द्वारा इस मामले में अंचल अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगा गया. ग्रामीणों का आरोप है कि अंचल अधिकारी ने श्याम सिंह से मिली भगत करके बिना उचित जानकारी के गलत रिपोर्ट अनुमंडल कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया.जिस वजह से धारा 144 नहीं हट पाई. अब फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया है. इसी बात से क्षुब्ध होकर मठाधीश प्रणव साहब के साथ ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय पर धरना देना शुरू कर दिया.