Desk: आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा ने बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की है. बिहार से प. बंगाल पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा 2,64913 वोटों से जीत गए हैं. राजनीति में अपनी पैठ मजबूत करने में जुटे बिहारी बाबू ने आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर टीएमसी को बड़ी राहत दी है. आसनसोल में तृणमूल जीत को तरस रही थी, अब शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत दिलाई है.
आसनसोल लोकसभा उपचुनाव भाजपा और टीएमसी के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई थी. यहां से 2019 में भाजपा की तरफ से बाबुल सुप्रियो ने चुनाव जीता था, लेकिन बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बाबुल सुप्रियो ने आसनसोल लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. हालांकि उस समय बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि वह राजनीति में वापस नहीं आना चाहते हैं. लेकिन बाद में टीएमसी से बाबुल सुप्रियो ने बालीगंज से विधानसभा का उपचुनाव लड़ा है. बाबुल सुप्रियो ने भी जीत दर्ज की है.
शत्रुघ्न सिन्हा 1991 में बीजेपी से जुड़े थे. पार्टी में उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां दी गईं. राज्यसभा सदस्य बनाया और केन्द्र में मंत्री रहे. पटना साहिब से टिकट दिया और वे लोकसभा चुनाव भी जीते. 2014 में उन्हें केन्द्र में मंत्री पद नहीं मिला तो भाजपा से संबंधों में खटास आ गई. 2019 में भाजपा ने उनकी जगह रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से उम्मीदवार बना दिया तो शत्रु ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वे भाजपा में करीब 28 साल रहे. इसके साथ ही कांग्रेस में भी उनका सफर मात्र तीन साल का ही रहा.
पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. भाजपा पर शत्रुघ्न इतने भड़के कि बेटे लव सिन्हा को कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के नितिन नवीन के खिलाफ बांकीपुर से चुनाव लड़वाया, लेकिन बेटे की भी हार हो गई. शत्रुघ्न की पत्नी पूनम केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ सपा के टिकट पर लखनऊ से चुनाव लड़ीं और हारीं.