Sheikhpura: बरबीघा में जीविका के माध्यम से मंगलवार से नीरा की बिक्री शुरू हो गई. जानकारी देते हुए बरबीघा जीविका के बीपीएम पूजा आनंद ने बताया की बिहार सरकार ने रोजगार सृजन के तौर पर भी ‘नीरा’ के उत्पादन और बिक्री पर जोर दिया है.
खुद सीएम नीतीश समाज सुधार अभियान की सभाओं में नीरा को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बता चुके हैं. नीरा की बिक्री को रोजगार के नए सृजन के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ पंचायत स्तर पर नीरा की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए जा रहे हैं. बरबीघा में सहारा इंडिया बैंक के ठीक सामने जीविका कार्यालय के नीचे इसकी बिक्री शुरू की गई है. यहां ₹10 प्रति गिलास नीरा का बिक्री किया जा रहा है. उन्होंने बताया की ताड़ी से बनी नीरा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इससे जहां पेट की गंभीर बीमारी दूर होती है, तो जॉन्डिस भी गायब हो जाता है. लीवर संबंधी बीमारियों में नीरा रामबाण है, नीरा से नशा भी नहीं होता है.
ऐसे में सरकार बिहार में शराबबंदी को पूर्णता सफल बनाने के लिए ताड़ी के व्यवसाय करने वालों को नीरा उत्पाद में जोड़ने के लिए योजना चलाई है. सीएम नीतीश कुमार खुद कह चुके हैं कि नीरा उत्पादन के कारोबार में लगे उद्यमियों को ‘मुख्यमंत्री राहत कोष’ से उनकी सरकार एक लाख रुपए तक का अनुदान भी देगी. उन्होंने बताया कि शाम में मिट्टी के बर्तन को अच्छे से धोकर ताड़ के वृक्ष पर लगाया जाता है. नीरा में परिवर्तित करने के लिए उसे सूर्योदय से पूर्व उतारना आवश्यक होता है. सूर्योदय के बाद अगर उसे उतारा जाए तो वह नीरा के लायक नहीं रह जाता उसमें नशे का गुण समाहित हो जाता है. जबकि नीरा पीने से किसी प्रकार का कोई नशा नहीं होता है. उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से जुड़कर पूर्व में ताड़ी बेचने वाले लोग आज हजारों का महीना कमा रहे हैं.
इस मौके पर जीविका बरबीघा के बीपीएम पूजा आनंद, सामुदायिक समन्यवयक रंजीत रंजन , बाबूचंद , चांचीला कुमारी, पल्लवी कुमारी , स्वेता कुमारी एवम राहुल राज सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ. बीपीएम पूजा आंनद ने नीरा से सम्बन्धित बातों को साझा किया जिस से आम लोग नीरा का सेवन कर सके.