Barbigha:-राज्य सरकार के निर्देशानुसार तमाम तरह के सरकारी कामकाज का अधिकारियों के द्वारा लगातार जायजा लिया जा रहा है.कई विभाग में त्रुटियां भी पाई जा रही है.लेकिन अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करके और गांव वालों को सुधार होने का भरोसा देकर छोड़ दिया जा रहा है.ऐसा ही कुछ मामला शेखोपुर सराय प्रखंड के बेलाव पंचायत से जुड़ा हुआ है. दरअसल इस पंचायत के वार्ड नंबर एक और दो में मधेपुर, भावचक और कसेलीचक नामक तीन छोटे-छोटे गांव शामिल है.तीनों ही गांव में नल जल की स्थिति वेहद खराब है.
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व तीनों गांव में लाखों की लागत से नल जल योजना का बोरिंग किया गया. गांव की गलियों को तोड़कर पाइप बिछाकर घरों तक कनेक्शन भी दिया गया.लेकिन जल मीनार का निर्माण नहीं होने से अब एक भी घर में पानी नहीं पहुंच रहा है. इस संबंध में ग्रामीण जनता जितेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र तांती, सिया देवी, सुनीता देवी, अवधेश प्रसाद, शिवनन्दन प्रसाद आदि लोगों ने बताया कि एक आध चापाकल के भरोसे हजारों लोग शुद्ध पेयजल के लिए निर्भर हैं.कसेलीचक गांव में कभी-कभार डायरेक्ट मोटर चला कर कुछ घरों तक पानी पहुंचाया जाता है.जबकि भावचक और मधेपुर गांव में बोरिंग भी अब शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. मधेपुर गांव में तो बोरिंग करने के बाद उसमें मोटर भी नहीं लगाया गया है.वही भावचक गांव में मोटर लगने के एक महीने बाद डायरेक्ट लोगों के घरों तक पानी पहुंचा रहा.लेकिन पिछले एक साल से मोटर की चोरी हो जाने की वजह से नल जल योजना धूल फांक रही है.गांव में बिछाया गया पाइप भी अब जहां-तहां से टूट चुका है.
लोक शिकायत निवारण में भी किया गया अपील
मामले को लेकर नवनिर्वाचित वार्ड सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि इसी साल जनवरी महीने में लोक शिकायत निवारण में भी मामले को लेकर अपील किया गया. लेकिन सुनवाई के दौरान यह पता चला कि पूर्व का ठेकेदार काम छोड़कर भाग चुका है.नए ठेकेदार को काम मिलने के बाद जल्द काम शुरू करवाने का भरोसा दिया गया था. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.
जांच पड़ताल को पहुंचे अधिकारी का आश्वासन भी हुआ फेल
ग्रामीणों ने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देश पर पंचायतों में सरकारी कामकाज की समीक्षा करने के लिए कुछ दिन पूर्व जिला से अधिकारियों की टीम पहुंची थी. उस समय भी ग्रामीणों ने इस जटिल समस्या को लेकर शिकायत दर्ज कराया था. अधिकारियों ने ग्रामीणों को एक सप्ताह के अंदर काम शुरू करवाने का भरोसा दिया था. लेकिन समय बीत जाने के बाद भी फिर किसी ने इसकी सुध लेना जरूरी नहीं समझा.गौरतलब हो कि जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद भी इसी इलाके से आते हैं. इसके बावजूद सरकार की योजनाओं के ऐसी दुर्दशा यह दर्शाती है कि उन्हें भी इस व्यवस्था से किसी प्रकार का कोई लेना देना नहीं है. वही नल जल योजना चालू नहीं होने से सरकार के प्रति ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया.