Sheikhpura: शर्मनाक नहीं तो क्या कहेंगे. जब बिहार में घोषित तौर पर विकास की गंगा चारो तरफ बह रही है ऐसे में जिले के अरियरी प्रखंड के वरुणा पंचायत अंतर्गत गंगापुर गांव के इस महादलित टोले में सीएम नीतीश के राज में लोग नलजल का पानी बदबूदार नाले में लोटा डालकर पी रहे हैं.
नहीं पहुंचा आंगन में नलजल का पाइप, घर के बाहर गड्ढे में होता है जमा
जब सूबे में महादलित के नाम पर वोट बैंक की राजनीति होती है ऐसे में ये तस्वीर काफी डराने वाली है. दरअसल इस गांव में महादलित टोले के लोग पिछले 3 वर्षों से पानी पीने के लिए काफी यातनाओं का सामना कर रहे हैं. उक्त गांव में नल जल कनेक्शन से घरों के आंगन में पानी नहीं गिरता. ऐसी स्थिति में लोग घरों के बाहर दरवाजे पर गड्ढा खोदकर पहले उसमें पानी जमा कर देते है. फिर लोटा से घरों के बड़े बर्तनों में भरकर उससे रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए जमा करते हैं. घर के सदस्यों को पानी की जरूरतें पूरी हो सके इसके लिए परिवार का एक सदस्य सुबह से लेकर शाम तक जद्दोजहद झेलने को विवश है. बड़ी बात यह है कि पंचायत के प्रतिनिधि से लेकर जिले के वरीय अधिकारी तक इस व्यवस्था से बेखबर हैं. गांव के वार्ड दो के महादलित टोले के 50 घरों में 300 परिवार के सदस्यों के बीच यह परेशानी बरकरार है. नल जल योजना के लिए प्रशासनिक व्यवस्था का पोल खोलने के लिए मॉडल बन चुका है.
वार्ड तीन से आता है इस टोले में नलजल का पानी
गंगापुर गांव की यह आबादी 2 वार्डों में निवास करती है. यहां वार्ड नंबर 3 में ग्राम पंचायत के द्वारा करीब 3 साल पहले ही नल जल योजना का क्रियान्वयन किया गया था. हालांकि छह माह पहले वार्ड नंबर 2 में पीएचईडी विभाग के द्वारा नल जल योजना का काम शुरू हुआ है. यहां बोरिंग का कार्य शुरू होने के बाद मोटर भी लगाया गया. लेकिन मोटर जल जाने के बाद दोबारा यहां ना ही संवेदक झांकने का काम किया और ना अधिकारियों ने सुध ली है. ऐसी परिस्थिति में आबादी को वार्ड नंबर 3 से ही पानी की आपूर्ति का बदहाल व्यवस्था बहाल है.
जलसंकट के लिये ग्रामीणों में आक्रोश
जल संकट के इस बदहाल स्थिति को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों ने सुमन कुमार, राकेश कुमार, रंजीत मांझी, नवीन कुमार, धनंजय कुमार, सुनीता देवी, सुनैना देवी समेत अन्य लोगों ने बताया कि नल जल के लिए बिछाये गये पाइप और कनेक्शन में पिछले 3 सालों से आज तक घर के आंगन में पानी नहीं गिर पाया. टोले में पानी की आपूर्ति के लिए यहां 7 चापाकल भी है. जिसमें पांच लंबे अरसे से खराब है. ऐसे में लोगों को नल जल योजना से आपूर्ति होने वाले पानी की एक-एक बूंद का बेसब्री से इंतजार रहता है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि स्थिति को लेकर टोले में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी अथवा निर्वाचित जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं आते.
बिना आवेदन के नहीं होती है कार्रवाई
महादलित टोले के नल जल की समस्या से जुड़े सवाल पर अरियरी के बीडीओ अरविंद कुमार से बात की गई. तब उन्होंने साफ लहजे में आवेदन देने की बात कही. गांव के अशिक्षित परिवार आवेदन देने में सक्षम नहीं है तो बीडीओ ने मीडिया कर्मी को ही आवेदन देने की नसीहत दे डाली. बीडीओ ने कहा कि बिना आवेदन के कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है.